मुंबई: महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को आज (बुधवार) सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम अपने दफ्तर ले गई. ईडी की टीम सुबह 5 बजे नवाब मलिक के आवास पहुंची थी और उन्हें अपने साथ ED दफ्तर ले गई. ईडी ने उन्हें अंडरवर्ल्ड से कथित संबंधों वाली एक संपत्ति के सिलसिले में तलब किया था. उसी सिलसिले में नवाब मलिक को ED दफ्तर ले जाया गया.
फिलहाल सूत्रों से जानकारी मिली है कि नवाब मलिक को हिरासत या गिरफ्तार नहीं किया गया है. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम देश में हिंसा फैलाने तैयारी कर रहा है. इसके लिए उसने एक स्पेशल यूनिट बनाई है जिसके माध्यम से देश के किसी बड़े नेता या व्यापारी पर प्राणघातक हमला करने की तैयारी भी कर रहा था. इन्हीं कुछ जानकारी के आधार पर नेशनल इंवेस्टीगेटिंग एजेंसी (NIA) ने दाऊद और उसके करीबियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
अब अगर इतनी बड़ी प्लानिंग चल रही थी तो उसके लिए बहुत से पैसे भी लगेंगे जिसके बाद इस मामले में ED ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके करीबियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. इसी मामले में ED ने दाऊद के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार कर लिया है जो फिलहाल ED कस्टडी में है.
इकबाल कासकर और दाऊद इब्राहिम के खिलाफ ठाणे पुलिस ने एक्टोर्शन का मामला दर्ज किया था और इसी मामले में उसे साल 2017 में गिरफ़्तार किया था तब से ही इकबाल कासकर जेल में है. हाल ही में नेशनल इंवेस्टिगेटिग एजेंसी (NIA) ने दाऊद इब्राहिम के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दाऊद को यूनाइटेड नेशन ने यूनाइटेड नरशंस सिक्योरिटी रिज़ोल्यूशन 1267 के तहत ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है. वो एक अंतरराष्ट्रीय टेरर नेटवर्क चला रहा है जिसका नाम D-कंपनी दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक, दाऊद हथियारों की तस्करी, नार्को टेरोरिसम, अंडरवर्ल्ड क्रिमिनल सिंडिकेट, मनी लोंड्रिंग, फेक इंडियन नोट को सर्कुलेट करना और अवैध रूप से लोगों को आतंक को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग करवाने जैसे काम लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश- ए- मोहम्मद (JeM), अल कायदा (AQ) और दूसरे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संघठनों के लिए कर रहा है.
व्यापारी और दूसरे बड़े लोगों को निशाना बना सकता है अंडरवर्ल्ड
दाऊद इब्राहिम जब भारत से भाग गया था तब उसके गलत कामों को हाजी अनिस उर्फ अनिस इब्राहिम शेख, शकील शेख़ उर्फ़ छोटा शकील, जावेध पटेल उर्फ़ जावेध चिकना, टाइगर मेमन भारत में कंट्रोल करते हैं. NIA ने अपनी FIR में यह भी कहा है कि दाऊद ने स्पेशल यूनिट बनाया है जो कि भारत के नागरिकों में आतंक फैलाने के लिए नेता, व्यापारी और दूसरे बड़े लोगों को निशाना बना सकती है.
इसके लिए विस्फोटक, खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे दिल्ली, मुंबई समेत वायलेंस फैल सकता है. इन्हीं दोनों FIR के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है. ED ने कोर्ट को बताया कि उनको जांच में पता चला कि इकबाल को भारत में जब डिपोर्ट किया गया तब से वो भारत में सेलिब्रिटी और व्यापारियों से पैसे वसूली करने के लिए अपने भाई की इमेज को दिखाकर डराता था.
इकबाल कासकर अपने गुर्गों का इस्तेमाल कर दाऊद के लिए पैसों की वसूली करता था. ED के पास सबूत मिले हैं जिससे यह साबित होता है कि कासकर नियमित रूप से दाऊद के पैसों को जमा करता आया है. जांच में यह भी पता चला है कि इक़बाल कासकर D गैंग का खास सदस्य है, जो धमकी देना और वसूली करने जैसे गैरक़ानूनी काम में संलग्न है. जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि इक़बाल कासकर ने एक फ्लैट और 90 लाख रुपए इस गैरकानूनी काम करके प्राप्त किए हैं.
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