नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के कथित रियल स्टेट फ्रॉड मामले (Real estate fraud cases) में ओरिस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (Orris Infrastructure Pvt Ltd) के ऑफिस पर छापा मारा। जहां से ईडी ने कई डॉक्यूमेंट्स, लग्जरी कारें, FD और 31.22 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी (BG) भी जब्त की है। ईडी ने बताया कि जब्त की गई एफडी और बैंक गारंटी ओरिस ग्रुप ऑफ कंपनीज के नाम पर थी।
ED ने Orris Group पर एक्शन लेते हुए कंपनी के प्रमोटरों के बैंक खाते और लॉकर भी फ्रीज कर दिए गए हैं। इसके अलावा ओरिस ग्रुप के एक डारेक्टर और प्रमोटर के घर पर भी छापा मारा। जहां से चार लक्जरी कारें जब्त की गईं, जिसमें मर्सिडीज, पोर्श और BMW मॉडल है। 25 नवंबर को दिल्ली-NCR में 14 जगह पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA ) 2002 के प्रावधानों के तहत तलाशी अभियान चलाए गए। उसी के तहत ये ईडी ने एक्शन लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी की कार्रवाई जिनपर की गई उसमें ओरिस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों और प्रमोटरों विजय गुप्ता और अमित गुप्ता हैं। इसके अलावा थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रमोटर और डारेक्टर निर्मल सिंह उप्पल और विधुर भारद्वाज का नाम भी शामिल है।
ईडी ने बताया कि जिन लोगों पर एक्शन लिया गया उन कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ कई इल्जाम हैं। जिसमें धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और सैकड़ों घर खरीदारों से धोखाधड़ी समेत कई इल्जाम हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ओरिस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के सेक्टर 89 में एक आवास परियोजना बनाने के लिए सहयोग किया, जिसकी ओनरशिप ओरिस ग्रुप के पास है।
इसके बाद इस प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया गया। थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटरों और निदेशकों ने तय समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया। इसके साथ ही घर खरीदारों और निवेशकों की मेहनत की कमाई को हड़पने की साजिश का इल्जाम लगा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved