नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM)फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) के पदाधिकारियों के खिलाफ (Against the Officials) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में (In Money Laundering Case) 31 मई (31 May) को पेश होने के लिए (To Appear) तलब किया (Summons) । ईडी के समन में पूर्व मुख्यमंत्री को चंडीगढ़ कार्यालय के सामने पेश होने के लिए कहा गया है, लेकिन उनके खराब स्वास्थ्य के कारण, संभावना है कि वह जांच एजेंसी की श्रीनगर शाखा के सामने पेश हो सकते हैं।
अक्टूबर 2020 में अब्दुल्ला को ईडी ने इस मामले में दो बार समन किया था ईडी ने इससे पहले अब्दुल्ला के सहयोगी अहसान अहमद मिर्जा की 7.25 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 2002 और 2011 के दौरान जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) को लगभग 112 करोड़ रुपये दिए थे। 2003 में, मिर्जा को कथित तौर पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर अब्दुल्ला द्वारा जेसीकेए के कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। मिर्जा इस पद के लिए नहीं चुने गए लेकिन अब्दुल्ला ने उनके द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव के माध्यम से उन्हें कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया।
अब्दुल्ला पर मिर्जा के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगा है। ईडी ने कुछ संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया था जिसमें दिखाया गया था कि जेसीकेए के धन को अवैध रूप से मिर्जा के खाते में स्थानांतरित किया गया था।ईडी को जांच में पता चला कि मिर्जा ने अन्य पदाधिकारियों की मदद से जेसीकेए के फंड से 51.90 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। उसने इसे अपने व्यापारिक सहयोगियों को चुकाने और निजी चीजों पर खर्च करने में खर्च किया। इससे पहले ईडी ने अब्दुल्ला, मिर्जा और उनके सहयोगी मंजूर गजनफर की संपत्तियों को कुर्क किया था।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, “इस मामले में ईडी पहले ही 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है, जिसमें अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की संपत्ति भी शामिल है।” गजनफर 2007 में कोषाध्यक्ष चुने गए और उन्होंने कथित धोखाधड़ी का पता लगाया। उन्होंने अब्दुल्ला को अवैध लेन-देन के बारे में बताया और बाद में मामले पर चुप्पी साधे रखी।ईडी को यह भी पता चला कि अब्दुल्ला के निर्देश पर गजनफर ने कुछ चेकों पर हस्ताक्षर किए जो मिर्जा के खातों में जमा किए गए थे। एजेंसी ने 2019 में दायर सीबीआई की प्राथमिकी और चार्जशीट के आधार पर मामले में पीएमएलए जांच शुरू की।
ईडी को पता चला है कि मिर्जा ने अब्दुल्ला के निर्देश पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जेएंडके बैंक में कई खाते खोले और धन की निकासी की। अब्दुल्ला द्वारा मिर्जा को जेसीकेए का चेक हस्ताक्षरकर्ता बनाया गया था। इस मामले में ईडी पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। सीबीआई ने आरोप पत्र में दावा किया था कि आरोपियों ने जेसीकेए के 43 करोड़ रुपये के धन का दुरुपयोग किया।
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