नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे (Charanjit Singh Channi’s nephew) और उसके सहयोगियों (his associates) के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी (Enforcement Directorate (ED) raids) के दौरान कुछ प्रॉपर्टी के कागजात और पैसे मिले हैं। बताया जा रहा है कि इन ठिकानों पर छानबीन के दौरान 6 करोड़ रुपये से ज्यादा मिले हैं।
CM के भतीजे के पास से मिले 4 करोड़
सीएम चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह के लुधियाना स्थित ठिकाने पर छापेमारी की गई थी। इस छापेमारी में करीब 4 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा लुधियाना में ही संजीप कुमार के ठिकाने पर जांच-पड़ताल के दौरान 2 करोड़ रुपये मिले हैं। यह मामला अवैध खनन से जुड़ा हुआ है। छापेमारी टीम में खनन विभाग के अधिकारी, नागरिक प्रशासन और पुलिस विभाग शामिल था।
ED ने की है कार्रवाई
दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध बालू खनन के मामले में भूपिंदर सिंह हनी के ठिकाने पर यह छापेमारी की थी। इसके अलावा ईडी ने इस मामले में 10 और जगहों पर भी छापेमारी की है। मंगलवार सुबह ही ईडी की टीम भूपिंदर सिंह हनी के घर छापेमारी के लिए पहुंच गई थी। ईडी की ओर से अवैध बालू खनन के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि संघीय एजेंसी के अधिकारियों ने चंडीगढ़, मोहाली, पठानकोट तथा लुधियाना में दर्जनों स्थानों पर छापेमारी की है।
क्या बोले सीएम चन्नी
राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिह चन्नी ने इस छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तेदारों के यहां भी छापेमारी की गई थी और ईडी ”उसी तरह” उन पर, उनके मंत्रियों पर और कांग्रेस पार्टी के सदस्यों पर ”दबाव” बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि वह इसका सामना करने को तैयार हैं और उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
यह है मामला
बताया जा रहा है कि एजेंसी ने साल 2018 की एक प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद कार्रवाई शुरू की है। जिसमें कुछ कम्पनियों और लोगों के खिलाफ राज्य में अवैध रेत खनन में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। इस प्राथमिकी में कई ट्रक चालकों, रेत की निकासी और परिवहन में शामिल अन्य गुर्गों को आरोपी बनाया गया था। जांच-पड़ताल में यह पाया गया है कि जिन जगहों पर अनुमति नहीं मिली थी वहां पर भी खनन किया गया है। इसके अलावा अचानक ही मालिकपुर में खनन का काम रोक दिया गया था। एफआईआर के मुताबिक मालिकपुर के अलाव अवैध खनन का काम बुर्जथल दास, बरसाल, लालेवाल, मंडाला और खोसा में भी किया गया था।
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