नई दिल्ली । नेशनल हेराल्ड मामले में (In National Herald Case) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पांचवे दिन ईडी की पूछताछ (ED Questioning 5th Day) और अग्निपथ योजना के खिलाफ (Against Agnipath Scheme) कांग्रेस (Congress) ने मार्च निकालने की कोशिश की (Trying to March) , लेकिन दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी (Did not Allow to March) ।
छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता विरोध जताते हुए अकबर रोड पर पुलिस के बेरीकेडिंग होने के चलते वे वहीं धरने पर बैठ गए। उनके साथ कांग्रेस सांसद और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। दिल्ली पुलिस ने फिलहाल सभी को हिरासत में ले लिया है। कांग्रेस नेता अधिरंजन चौधरी ने कहा, “सबके सामने हालात है हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन तक नहीं करने दे रहे। हमें हिरासत में लिया जा रहा है, लेकिन कहां ले जा रहे हैं, किसी को नहीं पता। हमारे सांसदों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है क्या इस तरह होना चाहिए?”
दरअसल नेशनल हेराल्ड मामला एक अखबार से जुड़ा है। अखबार का मालिकाना हक एजेएल के पास था जो दो और अखबार छापा करती थी। इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्स मुक्त कर दिया गया। कंपनी धीरे-धीरे घाटे में चली गई। 90 करोड़ का कर्ज भी चढ़ गया। इस बीच 2010 में यंग इंडियन के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई। इसके 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी और बाकी के शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास थे।
आरोप है कि कांग्रेस ने अपना 90 करोड़ का कर्ज नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ एजेएल ने सारे शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिए। इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये एजेएल को दिए। इसके बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने सिर्फ 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।
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