मुंबई (Mumbai) । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने को मंधाना इंडस्ट्रीज (MIL) के पूर्व अध्यक्ष और एमडी (Former Chairman and MD) को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है. ईडी ने उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) से 975 करोड़ रुपये के लोन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering cases) में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद उन्होंने शुक्रवार को ही पीएमएलए कोर्ट के समक्ष पेश किया गया, जहां से अदालत ने उन्हें छह दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.
ईडी ने 975 करोड़ रुपये से ज्यादा के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत मुंबई स्थित एक दिवालिया कंपनी के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पुरुषोत्तम छगनलाल मंधाना को गिरफ्तार किया है. गुरुवार को गिरफ्तार किए गए पुरूषोत्तम मंधाना, मंधाना इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सीएमडी हैं, जिसका परिसमापन हो चुका है और अब इसे जीबी ग्लोबल लिमिटेड के नाम से जाना जाता है. शुक्रवार को विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किए जाने के बाद उन्हें छह दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.
ईडी ने बैंक ऑफ बड़ौदा ने बैंकों के कंसोर्टियम को 975.08 करोड़ रुपये का चूना लगाने की शिकायत पर पुरुषोत्तम मंधाना, मनीष मंधाना, बिहारीलाल मंधाना और अन्य के खिलाफ सीबीआई की बैंक फ्रॉड एंड सिक्योरिटी ब्रांच (बीएसएफबी) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी.
ईडी के अनुसार, मंधाना इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके निदेशकों ने कथित तौर पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन और सर्कुलर ट्रेडिंग के माध्यम से लोक के पैसे को डायवर्ट करके बैंकों को नुकसान पहुंचाने और अपने लिए गलत लाभ उठाने के लिए एक आपराधिक साजिश रची. सीबीआई ने अभी इस मामले में कोई आरोपपत्र दाखिल नहीं किया है.
ईडी ने आरोप लगाया कि पुरुषोत्तम मंधाना ने एक उद्देश्य के साथ अपने कर्मचारियों के नाम पर कई फर्जी संस्थानों को शामिल किया और लोन के पैसे सहित मंधाना इंडस्ट्रीज लिमिटेड के धन को ठिकाने लगाने के लिए ऐसी संस्थाओं का इस्तेमाल किया.
ईडी को जांच में पता चला कि बैंकों को धोखा देने के गलत इरादे से पुरुषोत्तम ने कई संस्थाओं के साथ फर्जी बिक्री और खरीदारी की. उसने मंधाना इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खातों से रुपये भी डायवर्ट किए, जिसमें उनके निजी कर्ज और उनके परिवार के सदस्यों का भुगतान करने के लिए लोन के रुपये भी शामिल हैं.
जांच में हुआ खुलासा
इससे पहले जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 26 जून और 5 जुलाई को कई तलाशी अभियान चलाए गए थे, जिससे कई संपत्ति दस्तावेजों और कई डिजिटल उपकरणों सहित महत्वपूर्ण आपत्तिजनक दस्तावेजों का खुलासा हुआ था.
इसके अलावा एजेंसी ने लगभग 3 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण, लेक्सस, मर्सिडीज-बेंज सहित महंगी कारें और रोलेक्स और हबलोट सहित कई महंगी घड़ियां भी जब्त कर ली गईं.
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