नई दिल्ली (New Delhi)। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party)विधायक अमानतुल्लाह खान से ईडी(Ed) ने 13 घंटे की पूछताछ (inquiry)की है। इसके बाद देर रात वह ईडी दफ्तर(ED office) से निकल गए थे। हालांकि विधायक इससे पहले ये दावा किया था कि ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने उनसे वक्फ बोर्ड से संबंधित केस में पूछताछ के लिए बुलाया था।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने दावा किया था कि उन्हें केंद्रीय एजेंसी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली वक्फ बोर्ड से संबंधित केस में एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। उनपर स्टाफ भर्ती से संबंधित केस में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस केस में एजेंसी ने उनसे कई बार पूछताछ भी की है।
अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तार होने के दावे के बीच पार्टी के तमाम बड़े नेता- सांसद संजय सिंह, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और गोपाल राय भी उनके ओखला स्थित घर पर पहुंचे थे। सामने आया है कि ईडी ने आप विधायक से 13 घंटे पूछताछ की है।
AAP विधायक के आधिकारिक अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसका कैप्शन है, “अवाम के लिए अमानतुल्लाह खान का संदेश। मुझे गिरफ्तार कर के मेरे हौसलों को नहीं तोड़ पाओगे तानाशाह…” इसके साथ ही वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें खुद अमानतुल्लाह खान कह रहे हैं कि उन्हें ‘गिरफ्तार कर लिया गया है।’
प्रवर्तन निदेशालय ने इसी साल जनवरी महीने में अमानतुल्लाह खान से जुड़े स्थानों पर छापेमारी की थी। ओखला विधानसभा से AAP विधायक अमानतुल्लाह खान अग्रिम जमानत के लिए पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने उन्हें 18 अप्रैल को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था।
अमानतुल्लाह खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो की एफआईआर और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों के आधार पर शुरू हुआ था। सीबीआई ने विधायक खान से जुड़े स्थानों पर छापेमारी भी की थी, जहां एजेंसी का दावा है कि उन्होंने ‘अपराध की बड़ी रकम’ अर्जित की थी।
आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती की गई और इससे होने वाली उगाही की रकम को उन्होंने अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्तियों में निवेश किया। ईडी का आरोप है कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की ‘अवैध भर्ती’ हुई और विधायक खान ने ‘अवैध निजी लाभ’ हासिल किए। वह 2018-22 तक बोर्ड के अध्यक्ष रहे और आरोप के मुताबिक, उन्होंने बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर दिया।
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