रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी की टीम ने यहां रायपुर में शराब घोटाले में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत 1 जुलाई को अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया. गुरुवार (4 जुलाई 2024) को अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लों को विशेष न्यायालय, रायपुर की ओर से 6 जुलाई तक ईडी हिरासत में भेजा गया.
ईडी का कहना है कि शराब घोटाले के नकली होलोग्राम मामले में कारोबारी अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी के साथ पूरे सिंडिकेट में शराब कारोबारी अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लन की अहम भूमिका रही है. ईओडब्ल्यू के चालान में भी दोनों का नाम है. इसमें कहा गया है कि आरोपी अरविंद सिंह पहले खाली बोतल सप्लाई करने का काम करता था. इसके बाद उसने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया. इसके बाद वह नकली होलोग्राम से तैयार की गई शराब की सप्लाई करने लगा.
वहीं दूसरी तरफ ढिल्लन अवैध कमाई को ठिकाने लगाता था. अब दोनों से ईडी एक साथ पूछताछ कर सकती है. इन दोनों की गिरफ्तारी और हिरासत के बाद अब शराब घोटाला केस से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में शराब निर्माता कंपनियों पर भी जल्द एक्शन की उम्मीद जगी है. यूपी एसटीएफ की ओर से इन कंपनियों को दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है. इसके बाद भी कंपनी की ओर से पूछताछ में कोई नहीं पहुंचा है.
जानकारी के अनुसार, भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज को इस मामले में नोटिस जारी किया गया है. इन कंपनियों की ओर से पूछताछ में कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. यूपी एसटीएफ ने 10 जून को भी नोटिस जारी कर इन्हें लखनऊ बुलाया था, लेकिन कोई भी नहीं पहुंचा.
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