
नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से चार्जशीट दाखिल किए जाने को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए भारतीय जनता पार्टी को झूठ का पुलिंदा करार दिया.
प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह पूरा मामला सिर्फ राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है. उन्होंने बताया कि 2013 में सुब्रमण्यम स्वामी ने यह मामला दायर किया था, लेकिन 2020-2021 तक बीजेपी सरकार ने इस पर कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की. जब स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ बोलना शुरू किया, तभी सरकार ने मामले को फिर से उछाला और ED को जांच सौंपी.
उन्होंने आरोप लगाया कि ED को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 365 दिनों का समय मिला था, लेकिन एजेंसी ने 364 दिन तक कुछ नहीं किया और अंतिम दिन चार्जशीट फाइल की. तिवारी ने कहा कि यह कार्रवाई उस परिवार के खिलाफ की गई है, जिसने देश की आजादी में योगदान दिया. अंग्रेजों का डटकर विरोध किया. जब भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था, तब बीजेपी के मातृ संगठन ने अंग्रेजों की सेना में भर्ती होने के लिए चिट्ठी लिखी थी.
उन्होंने कहा कि यंग इंडिया कंपनी एक्ट 25 के तहत एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में पंजीकृत है, जिसमें कोई लाभ नहीं लिया जा सकता, केवल दिया किया जा सकता है. तिवारी ने बीजेपी को चुनौती दी कि वे कोई ऐसा लेन-देन या दस्तावेज दिखाएं जिससे साबित हो कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी या किसी अन्य को आर्थिक लाभ हुआ है.
प्रमोद तिवारी ने ED की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उसका कन्विक्शन रेट एक प्रतिशत से भी कम है, जो यह दर्शाता है कि एजेंसी का उपयोग केवल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए किया जा रहा है. अखिलेश यादव की ओर से कांग्रेस को समर्थन देने पर तिवारी ने आभार जताया और कहा कि ED जैसी संस्थाएं आर्थिक अपराधियों के खिलाफ बनी थीं, न कि राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए. उन्होंने कहा, ‘302 में हत्या करने वालों को सजा मिलती है, तो क्या इसका मतलब है कि कानून का दुरुपयोग किया जाएगा’?
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