नई दिल्ली। हाथरस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा खुलासा किया है। प्रवर्तन निदेशालय की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, इस कांड के बहाने जातीय दंगा फैलाने के लिए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पास मॉरिशस से 50 करोड़ आए थे। ईडी ने दावा किया है कि पूरी फंडिंग 100 करोड़ से अधिक रुपये की थी। पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है।
यूपी की सुरक्षा एजेंसियां पहले ही यह दावा कर चुकी हैं कि हाथरस के बहाने यूपी को जातीय दंगों की आग में जलाने की साजिश रची गयी। रिपोर्ट के मुताबिक एक फर्जी वेबसाइट रातों रात बनायी गयी और इसके ज़रिए जातीय दंगे कराने की साजिश रची गई।
इस वेबसाइट पर हजारों लोगों को जोड़ने की बात कही जा रही है, जस्टिस फॉर हाथरस नाम से बनाई गई। दावा है कि इस वेबसाइट में हाथरस को लेकर हिंसा की आग भड़काने के लिए क्या करना है और क्या नहीं करना है सबकुछ विस्तार से बताया गया है।
ये भी पता चला है कि मदद के नाम पर हिंसा फैलाने के लिए फंडिंग का भी इंतजाम किया जा रहा था। बड़ी खबर ये है कि PFI, SDPI जैसे संगठन जो नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा में शामिल थे उन्हीं संगठनों ने यूपी में भी हिंसा फैलाने के लिए वेबसाइट तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई।
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