नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आर ए डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य से जुड़े (Associated with R A Distributors Pvt Ltd and Others) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में (In Money Laundering Case) पंकज कपूर (Pankaj Kapoor), विजेन गिरीशचंद्र झावेरी (Vijen Girishchandra Jhaveri) और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर मौजूद (And present on the name of their Family Members) 55.17 करोड़ रुपये की (Worth Rs. 55.17 Crore) 10 अचल संपत्तियां (10 Immovable Properties) जब्त कर लीं (Confiscated) । इसे अफ़रोज़ फत्ता केस के नाम से भी जाना जाता है।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धाराओं के तहत 10 संपत्तियों को कुर्क किया। ईडी ने आईसीआईसीआई बैंक, सूरत द्वारा दायर शिकायत और सूरत पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, इसमें यह आरोप लगाया गया था कि आर ए डिस्ट्रीब्यूटर्स प्रा. लिमिटेड और आठ अन्य कंपनियों ने जाली प्रवेश बिल जमा किए और तीन संयुक्त अरब अमीरात और पंद्रह हांगकांग स्थित संस्थाओं को धन भेजा। वित्तीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, “जांच से पता चला कि विदेश से भेजी गई अपराध की आय में से कपूर और झावेरी को संयुक्त अरब अमीरात और हांगकांग में क्रमशः 58.14 करोड़ रुपये और 2.81 करोड़ रुपये मिले।”
जाली बिलों और दस्तावेजों के आधार पर मदन लाल जैन और अफरोज मोहम्मद हसन फत्ता द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित इकाइयां। “कपूर, झावेरी और उनके परिवार के सदस्यों की दस अचल संपत्तियों को पीएमएलए, 2002 की धारा 5 के तहत अस्थायी रूप से संलग्न किया गया है।” यह अनुसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने से प्राप्त होता है।” इस मामले में, ईडी ने पहले ही 60 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क करते हुए नौ अनंतिम कुर्की आदेश जारी किए हैं। चल या अचल संपत्तियों का कुल मूल्य इस मामले में अब तक 115 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं।
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