नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) में घोटाले की जांच की सुई पंजाब (Punjab) की ओर घूम सकती है। पॉलिसी में कथित गड़बड़ी (Alleged error in policy) को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मनीष सिसोदिया की शिकायत कर चुके भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा (BJP leader Manjinder Singh Sirsa) ने इस बात का संकेत दिया। कयास है कि ईडी (ED) जल्द पंजाब का रुख कर सकती है।
गौर हो कि सीबीआई ने दिल्ली की शराब नीति पर कार्रवाई करते हुए वहां के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है। पंजाब में भी इसी नीति को लागू किया गया है। इसके बाद अब ईडी भी इस मामले में जांच का दायरा बढ़ाते हुए पंजाब में इससे जुड़े लोगों से पूछताछ कर सकती है।
भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करके दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में लागू की गई आबकारी नीति के बारे में बताया। गौर हो कि सिरसा बीते साल ईडी को इस बारे में शिकायत भी भेज चुके हैं। मनजिंदर सिरसा ने दावा किया कि ईडी उनकी शिकायत के बाद कई अधिकारियों को समन भेज चुकी है।
उन्होंने अनुमान जताया कि जल्द ईडी इस पर कार्रवाई कर सकती है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट कर जानकारी दी कि दिल्ली में शराब नीति के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उन्होंने 13 सितंबर 2022 को शिकायत सीबीआई और ईडी को भेजी थी। इसमें इसका खुलासा था कि यह नीति कैसे बनाई गई। इतना ही नहीं, शिकायत में साफ लिखा कि इस नीति को बनाते हुए मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में अपने घर में बैठक भी की थी।
मनजिंदर सिरसा का आरोप है कि मनीष सिसोदिया की तरफ से बुलाई गई बैठकों में पंजाब के आबकारी मंत्री और अधिकारी दिल्ली पहुंचे थे। इतना ही नहीं, होलसेल का काम सिर्फ दो ही पार्टियों को मिले, इसके लिए टेलर मेल भी तैयार की गई, जिसमें ब्रेडको और अनंत वाइंस को सारा काम देने की बात तय हुई। ब्रेडको पर दिल्ली में भी मामला दर्ज किया गया है। सिरसा का कहना है कि उनकी यह शिकायत ईडी के पास लंबित है। पंजाब के कई अधिकारियों को समन भी किया जा चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही पंजाब में भी इस पर बहुत जल्द मामला दर्ज होगा।
शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली शराब नीति घोटाले की चल रही सीबीआई जांच का दायरा पंजाब तक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी को बनाने में पंजाब के नेताओं का भी हाथ है। उन्होंने कहा कि मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की अलग से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जानी चाहिए।
मजीठिया ने ट्वीट किया कि सीबीआई को वरिष्ठ अधिकारियों और आप नेताओं की भूमिका की जांच करनी चाहिए, जिन्होंने राजकोष की कीमत पर चुनिंदा शराब निर्माताओं को भारी लाभ देने के लिए सांठगांठ की। मजीठिया ने कहा कि पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जांच एजेंसियों को अपना काम नहीं करने दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि जांच उन तक पहुंच सकती है।
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