नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धोखाधड़ी के मामले (Fraud case) में कोलकाता (Kolkata) की एक कंपनी श्री महालक्ष्मी कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (Shree Mahalaxmi Corporation Private Limited) की 42.36 करोड़ रुपये (Rs. 42.36 crores)की 11 अचल संपत्तियों (11 assets) को कुर्क (Attaches) किया है।
एजेंसी ने बैंक से धोखाधड़ी के एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की। एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं के तहत 28 मार्च, 2017 को दर्ज एक मामले और 30 दिसंबर, 2019 को सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है।
ईडी ने महालक्ष्मी कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप है कि कंपनी, इसके निदेशकों और अन्य व्यक्तियों ने झूठे और जाली दस्तावेजों के आधार पर ऋण प्राप्त करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक से 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी।
एजेंसी ने कहा, “पीएमएलए के तहत जांच से पता चला है कि 164 करोड़ रुपये की ऋण राशि को विभिन्न संस्थाओं द्वारा बनाए गए बैंक खातों के जरिए वास्तविक व्यावसायिक लेनदेन का रंग दिया गया था।”
आगे यह भी पता चला कि कुछ कंपनियों के नाम पर क्रेडिट सुविधाओं के लिए विभिन्न साखपत्र (एलसी) खोले गए थे और जाली चालानों और चालानों के आधार पर उन्हें छूट दी गई थी। इसके बाद लेटर ऑफ क्रेडिट से प्राप्त राशि में हेराफेरी की गई। एजेंसी ने कहा, “मामले में आगे की जांच जारी है।”
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved