देहरादून । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्तराखंड और यूपी के पूर्व आईएएस अधिकारी (Former IAS officer of Uttarakhand and UP) राम बिलास यादव (Ram Bilas Yadav) की 20 करोड़ 36 लाख रुपए की (Worth Rs. 20 Crore 36 Lakh) चल-अचल संपत्ति (Movable and Immovable Property) कुर्क की (Attached) । राम बिलास यादव पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में केस चल रहा है। ये कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए-2002 के तहत की गई है।
इन दिनों आरोपी देहरादून जेल में बंद है। जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने राम बिलास यादव की जो संपत्ति कुर्क की है, वो यूपी के लखनऊ और उत्तराखंड के देहरादून में है। बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने विजिलेंस को तत्कालीन आईएएस अधिकारी राम बिलास यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के आदेश दिए थे। राम बिलास यादव पर आरोप है कि उनकी साल 2013 से लेकर 2016 के बीच ज्ञात स्त्रोतों से कमाई 78 लाख रुपए थी। लेकिन, उन्होंने 21 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए।
इस मामले में कई बार विजिलेंस ने तत्कालीन आईएएस अधिकारी राम बिलास यादव को नोटिस भी भेजा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। तत्कालीन आईएएस अधिकारी राम बिलास यादव बार-बार विजिलेंस के सवालों का जवाब देने से बच रहे थे। 23 जून 2022 को राम बिलास यादव देहरादून स्थित विजिलेंस ऑफिस पहुंचे, जहां विजिलेंस के अधिकारियों ने उनसे करीब 9 घंटे की पूछताछ की थी। जब विजिलेंस को राम बिलास यादव से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। जिस समय विजिलेंस ने राम बिलास यादव को गिरफ्तार किया था, उसके सात दिन बाद उनका रिटायरमेंट था। उसी समय से राम बिलास यादव जेल में बंद है।
बीते दिनों आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व आईएएस राम बिलास यादव को देहरादून की सुद्दोवाला जेल से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद यादव को चार दिन की हिरासत में लिया गया था। पांच जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने जानकारी दी कि पूर्व आईएएस राम बिलास यादव की 20 करोड़ 36 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति कुर्क की गई है।
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