लखनऊ। ईडी (ED) ने हैसिंडा प्रोजेक्ट कंपनी (Hacienda Project Company) के संचालकों से सांठगांठ के आरोपी रिटायर आईएएस मोहिन्दर सिंह (Retired IAS Mohinder Singh) को पांच अक्तूबर को फिर लखनऊ (Lucknow) स्थित जोनल कार्यालय पर बुलाया है। उन्हें नोटिस भेज दिया गया है। इससे पहले उन्हें 23 सितम्बर को बुलाया गया था लेकिन वह लखनऊ नहीं आए थे। शारदा एक्सपोर्ट (Sharda Export) और हैसिंडा प्रोजेक्ट (Hacienda Project) के बिल्डर आशीष गुप्ता, आदित्य व अन्य से मिलीभगत कर करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े में मोहिन्दर सिंह से पूछताछ की जाएगी। ईडी ने इस मामले में मोहिन्दर सिंह की चंडीगढ़ स्थित कोठी पर छापा भी मारा था। यहां से पांच करोड़ के सॉलिटेयर डायमण्ड समेत सात करोड़ के हीरे बरामद हुए थे।
इसके अलावा बिल्डर आदित्य गुप्ता के नोएडा स्थित आवास से करीब पांच करोड़ रुपये के हीरे बरामद हुए थे। दावा किया गया है कि शारदा एक्सपोर्ट और इनके साझीदार हैसिंडा प्रोजेक्टस के बिल्डर की लोटर-300 आवासीय प्रोजेक्ट में 636 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। इस फर्जीवाड़ा को करने में मोहिन्दर सिंह पर बिल्डर से साठगांठ का आरोप लगा था। जिस समय का यह फर्जीवाड़ा है, तब प्राधिकरण के सीईओ मोहिन्दर सिंह ही थे।
ईडी ने इस फर्जीवाड़े में बिल्डर के अलावा मोहिन्दर सिंह की चंडीगढ़ स्थित कोठी पर छापा मारा था। यहां से पांच करोड़ के सॉलिटेयर डायमण्ड समेत सात करोड़ के हीरे बरामद हुए थे। चंडीगढ़ के अलावा मेरठ, दिल्ली और गोवा में 18 ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा था। इस दौरान ईडी के अफसरों ने नोएडा विकास प्राधिकरण की फाइलें भी खंगाली। इसमें सामने आया कि शारदा एक्सपोर्ट और इनके साझीदार हैसिंडा प्रोजेक्टस के बिल्डर की लोटर-300 आवासीय प्रोजेक्ट में 636 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था।
इस फर्जीवाड़ा को करने में मोहिन्दर सिंह पर बिल्डर से साठगांठ का आरोप लगा था। वर्ष 1978 बैच के आईएएस मोहिन्दर सिंह की बसपा सरकार में काफी धाक थी। स्मारक घोटाले में भी मोहिन्दर सिंह का नाम आया था। वह कुछ समय के लिये देश से बाहर चले गए थे। वहां से लौटने पर जांच एजेन्सियों ने उन पर फिर से शिकंजा कसना शुरू कर दिया था।
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