मुंबई। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Underworld don Dawood Ibrahim) के करीबी रहे इकबाल मिर्ची (Iqbal Mirchi) के परिवार को बड़ा झटका लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate.- ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering.- PMLA) से जुड़े मामले में इकबाल मिर्ची (मृत) की करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी जब्त कर ली है।
जो संपत्ति जब्त की गई हैं, उसमें मुंबई के पट्ठे बापूराव मार्ग दिल्ली दरबार होटल के सामने का प्लॉट नंबर 998 शामिल है. यह प्रॉपर्टी मुंबई के खेतवाड़ी गिरगांव में स्थित है. ईडी ने जो प्रॉपर्टी कब्जे में ली हैं, उनकी कीमत करोड़ों में है. बताया जा रहा है कि संपत्ति को तीसरे पक्ष को ट्रांसफर करने की कोशिश की गई थी, ताकि ED के एक्शन से बचा जा सके।
बता दें कि इकबाल मिर्ची और दूसरे आरोपियों के खिलाफ IPC, आर्म्स एक्ट, NDPS एक्ट सहित कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. इसके आधार पर ही पीएमएलए के तहत जांच शुरू की गई थी।
दरअसल, अस्सी और नब्बे के दशक में इकबाल मिर्ची दाउद इब्राहिम के साथ देश में ड्रग्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य सामानों की तस्करी करने वाले शीर्ष तस्करों में से एक था. उसने तस्करी से जुड़ी गतिविधियों के कारण काफी संपत्ति अर्जित की थी. वह अपने प्रतिद्वंद्वियों और कुछ अन्य व्यापारियों की हत्याओं में भी शामिल था. वह अस्सी के दशक में यूएई भाग गया था और फिर ब्रिटेन भाग गया लेकिन उसने अपनी तस्करी की गतिविधियां जारी रखीं थीं।
मौत के बाद बेटों ने संभाल लिया था कारोबार
इकबाल मिर्ची को दुनिया के सबसे खराब ड्रग माफिया डॉन में से एक कहा जाता था. कई लोग उसे पूर्व का पाब्लो एस्कोबार भी कहते थे. कहा जाता है कि उसके बेटे आसिफ और जुनैद ने इकबाल मिर्ची की मौत के बाद भी अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी जारी रखी थी।
ड्रग के पैसे से बनाईं कई प्रॉपर्टी
ED की जांच में पता चला कि इकबाल मिर्ची अन्य अवैध व्यापारिक गतिविधियों के अलावा ड्रग व्यापार के धंधे में भी शामिल था. उसने अवैध ड्रग व्यापार से अर्जित आय से कई संपत्तियां खरीदीं थीं. इकबाल मिर्ची की मौत के बाद इन संपत्तियों को उसके बेटों जुनैद इकबाल मेमन, आसिफ इकबाल मेमन और उसकी पत्नी हाजरा इकबाल मेमन के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया. ऐसी ही एक संपत्ति की पहचान मुंबई के गिरगांव में न्यू रोशन टॉकीज के रूप में की गई, जिसका संचालन मुख्तार पटका (इकबाल मिर्ची के बहनोई) कर रहा था।
पीएमएलए के तहत जांच के हिस्से के रूप में ईडी ने इस संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया, जिसकी बाद में एलडी एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी (पीएमएलए) ने पुष्टि भी की थी. हालांकि, अपीलीय न्यायाधिकरण (पीएमएलए) ने आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
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