नई दिल्ली। देश की आर्थिक तरक्की के लिए सरकार बड़े रिफॉर्म की तैयारी में है। आर्थिक विकास का जो रोडमैप सरकार ने तैयार किया है, उसमें निजीकरण की रफ्तार तेज होगी।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण समूह के लिए सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। महत्वपूर्ण समूह में 18 सेक्टर शामिल होंगे। कैबिनेट मंजूरी के बाद उन कंपनियों की पहचान होगी जिनको सरकार अपने पास रखेगी और जिनका निजीकरण किया जाएगा। बता दें कि किसी महत्वपूर्ण समूह में कम से कम 1 और अधिक से अधिक 4 कंपनियां होंगी जो सरकार के पास रहेंगी।
मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद जिन प्रमुख समूहों का निजीकरण हो सकता है उनमें बैंक, बीमा, कोल, स्टील, मिनरल और मेटल,फर्टिलाइजर, पावर जनरेशन, पावर ट्रांसमिशन, स्पेस, एटॉमिक एनर्जी, पेट्रोलियम (रिफाइनिंग एंड मार्केटिंग), डिफेंस इक्पिमेंट, शिप बिल्डिंग, क्रूड ऑयल एंड गैस, टेलीकम्यूनिकेशन,आईटी, एयरपोर्ट, पोर्ट, हाईवे, गैस ट्रांसमिशन और लॉजिस्टिक्स महत्वपूर्ण समूह से जुडीं कंसल्टेंसी या कंस्ट्रक्शन कंपनियां इंफ्रा, एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी, एनर्जी, हाउसिंग को फाइनेंस देने वाली कंपनी हैं। इन क्षेत्रों के निजीकरण के प्रस्ताव जल्द ही मंत्रिमंडल समूह के पास भेजे जाएंगे। (एजेन्सी, हि.स.)
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