नई दिल्ली। देश की आर्थिक गतिविधियों (country’s economic activities) को आने वाले महीनों में चीन (china) में आई आर्थिक सुस्ती (economic slowdown) और जीरो कोविड पॉलिसी (zero covid policy) से फायदा मिलने के आसार हैं। इंडिया रेटिंग के आंकलन के मुताबिक, अभी प्रॉपर्टी बाजार (property market) संकट के दौर से गुजर रहा है। उसकी वजह से वहां पैदा हुए आर्थिक हालात भारत जैसे देशों के लिए फायदेमंद मौका साबित हो सकते हैं।
चीन के कुछ इलाकों में फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। चीन का जोर कोरोना वाले इलाकों में पूर्ण प्रतिबंध पर रहता है। ऐसे में वहां सुस्ती से अमेरिका और यूरोप भी प्रभावित होते हैं। साथ ही उनसे होने वाले निर्यात पर भी असर पड़ता है। ऐसे माहौल में कमोडिटी के दामों में नरमी आती है जो भारत जैसे देशों के लिए वरदान है, क्योंकि ये कमोडिटी का बड़े आयातक हैं।
चीन में प्रॉपर्टी बाजार की चुनौतियां लंबे समय तक रहने की आशंका है। इसका फायदा वैश्विक बाजार में भारत समेत एशियाई देशों को मिल सकता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक वित्तीय समिति यानी आईएमएफसी के पूर्ण सत्र में कहा कि यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि में गिरावट, भू-राजनीतिक परिस्थितियों के प्रभाव, खाद्य एवं ऊर्जा कीमतों में वृद्धि से बढ़ते मुद्रास्फीतिकारी दबाव जैसे जोखिमों का सामना कर रहा है। इससे संवेदनशील अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं।
वित्तमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने मुद्रास्फीति प्रबंधन को जारी रखते हुए वृद्धि की रक्षा करने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार ने बीते 25 महीनों से 80 करोड़ परिवारों के लिए निशुल्क खाद्यान्न उपलब्धता कराएं हैं। वित्तीय सेवाओं की अंतिम छोर पर और गरीबों तक पहुंच सरकार के लिए अहम प्राथमिकता है तथा इसे भारत की डिजिटल सार्वजनिक वस्तु अवसंरचना से मदद मिली है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved