नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के दो अर्थशास्त्री 2020-21 में वृद्धि के बारे में बिल्कुल विपरीत निष्कर्ष पर पहुंचे है। समझ नहीं आता ये आखिर सरकार कब मानेगी कि देश के आर्थिक पहलू को लेकर उससे चूक हुई है। सरकार आर्थिक विषयों से लेकर कोरोना महामारी तक के मुद्दे पर सिर्फ भगवान भरोसे है। ऐसा लगता है सरकार ने कुछ नहीं करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान की अकर्मण्य सरकार को ‘कुछ भी नहीं’ सरकार कहा जा सकता है।
पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, “एक ही मीडिया आउटलेट (द वायर) को दिए गए साक्षात्कारों में, पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के दो अर्थशास्त्री 2020-21 में वृद्धि के बारे में बिल्कुल विपरीत निष्कर्ष पर पहुंचे। एक ने कहा कि अर्थव्यवस्था 5 से 7 प्रतिशत के बीच रहेगी। दूसरे ने कहा कि अर्थव्यवस्था एक फीसदी तक बढ़ सकती है! कोई आश्चर्य नहीं, सरकार हेडलाइट्स के सामने आए हिरण की तरह है- लकवाग्रस्त और किसी भी दिशा में जाने में असमर्थ है।”
एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस नेता ने कहा कि चाहे अर्थव्यवस्था का मामला हो या महामारी का, सरकार ने 138 करोड़ लोगों कि जिंदगी भगवान भरोसे छोड़ दिया है। उसने ‘कुछ नहीं करने’ का फैसला किया है। इसके अलावा चीनी घुसपैठ और भारतीय क्षेत्र पर कब्जे के मामले में भी सरकार ने निष्कर्ष निकाला है कि वह ‘कुछ नहीं कर सकती’। मोदी सरकार ने इसे चीन पर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान की अकर्मण्य सरकार को ‘कुछ भी नहीं’ सरकार कहा जा सकता है।
इससे पहले भी चिदंबरम ने देश में लगातार बिगड़ते आर्थिक हालत को लेकर पीएम मोदी को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री को स्वीकार करना चाहिए कि उनके आर्थिक प्रबंधक वर्तमान में गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने में नाकाम रहे हैं। आखिर सरकार कब मानेगी कि देश के आर्थिक पहलू को लेकर उससे चूक हुई है। (एजेंसी, हि.स.)
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