नई दिल्ली (New Delhi) । छोटे हथियारों की तस्करी (arms smuggling) को बढ़ावा देने में जुटे पाकिस्तान (Pakistan) को अमेरिका, ब्रिटेन सहित किसी भी ऐसे देश से वित्तीय मदद हासिल करना मुश्किल होगा, जो जी-20 संगठन (G-20 organization) का हिस्सा हैं। साथ ही आईएमएफ जैसी संस्था भी कर्ज से डूबे पाकिस्तान की मदद से हाथ खींच सकती है। दरअसल जी-20 सम्मेलन में सदस्य देश छोटे हथियारों की तस्करी को बढ़ावा देने वाले देशों पर अंकुश लगाने को लेकर सहमत हुए हैं। इस मुद्दे को दिल्ली घोषणा (Delhi declaration) का हिस्सा भी बनाया गया था।
जानकारों का कहना है कि जी-20 शिखर सम्मेलन की दिल्ली घोषणा में छोटे और हल्के हथियारों की तस्करी को लेकर चिंता और इसके निर्यात, आयात, नियंत्रण और ट्रेसिंग सहित इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आपसी सहयोग की बात की गई है। लिहाजा पाकिस्तान पर नकेल कसना तय है। साथ ही अगर चीन अपने देश में निर्मित हथियार पाकिस्तान को देता है और उसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जाता है तो वह भी बेनकाब होगा।
सीरामपार से चल रही मुहिम
पाकिस्तान से लगातार ड्रोन के जरिए हल्के हथियार और उपकरण जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भेजने की मुहिम चलाई जा रही है। पिछले तीन वर्षों में 28 से ज्यादा ड्रोन एजेंसियों के रडार में आए हैं जिन्हे हथियार और ड्रग के साथ भारतीय सीमा में भेजा गया था। कश्मीर में मिले कई छोटे हथियार चीन के बने हुए थे। इससे एजेंसियों की इस आशंका को भी बल मिला कि ये हथियार चीन द्वारा पाकिस्तान भेजे गए और पाकिस्तानी एजेंसी आतंकियों की मदद के लिए इन्हें जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भेज रही है। इन मामलों की जांच एनआईए भी कर रही है।
बैकग्राउंड बैठकों में दिए ठोस तथ्य
भारत ने कई बैकग्राउंड बैठकों में सबूत के साथ हथियारों की तस्करी के मुद्दे को सदस्य देशों के सामने रखा था। ड्रोन द्वारा भेजे गए हल्के हथियारों का इस्तेमाल टारगेट किलिंग में किया गया। ठोस तथ्यों के आधार पर भारत की इस चिंता को घोषणा में जगह मिली। लिहाजा अब आगे की कार्रवाई के लिए साझा ब्लू प्रिंट का रास्ता साफ हो गया है।
एफएटीएफ में जाएगा मामला
सूत्रों ने कहा फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के जरिए आतंक को समर्थन देने वाले देशों पर वित्तीय प्रतिबंध सहित कई तरह की मदद रोकने का प्रावधान है। पाकिस्तान पिछले दिनों संगठन द्वारा सुझाए गए बिंदुओं पर कार्रवाई की बात करके कुछ राहत हासिल करने में सफल रहा है। अब एक बार फिर एजेंसियां उसे बेनकाब करने को तैयार हैं। पाकिस्तान पर जी-20 के प्रस्ताव के बहाने विभिन्न स्तरों पर दबाव बनाकर उसे आतंक पर लगाम लगाने और हथियार, ड्रग की तस्करी रोकने को कहा जाएगा।
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