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आर्थिक संकट के बीच पेश होगा 2021-22 का बजट

October 17, 2020

– वित्‍त मंत्रालय ने बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की

नई दिल्‍ली। वित्‍त मंत्रालय ने वित्‍त वर्ष 2021-22 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। बजट बनाने के ये प्रक्रिया ऐसे वक्‍त में शुरू हुई है, जब कोविड-19 की महामारी से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को गति देने की जरूरत है। आगामी वित्त वर्ष का बजट काफी अहम है। इसमें महामारी से प्रभावित राजस्व संग्रह, विनिवेश, व्यय, निर्यात और खाद्य वस्तुओं की कीमतों समेत अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों पर गौर करने की जरूरत होगी।

अर्थव्‍यवस्‍था में 10.3 फीसदी गिरावट का अनुमान
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुताबिक इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया गया है। वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का भी अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 9.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। वित्त मंत्रालय के कार्यक्रम के अनुसार वित्‍त वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमान (आरई) और वित्‍त वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों को अंतिम रूप देने के लिए करीब एक महीने तक चलने वाली प्रक्रिया शुरू हो गई है। ये बैठकें 12 नवंबर तक चलेंगी।

बजट-पूर्व बैठकों में 5 अधिकारियों की होगी सीमा
वित्त मंत्रालय के बजट विभाग ने एक नोटिस में कहा कि कोविड-19 स्थिति और शारीरिक दूरी का पालन करने की जरूरत को देखते हुए मंत्रालयों और विभाग से बजट-पूर्व बैठकों में भाग लेने के लिए 5 अधिकारियों की सीमा (प्रत्येक बैठक के लिए) तय की जा सकती है। इसमें निदेशक या उप-सचिव (डीएस) से नीचे के अधिकारी शामिल नहीं होंगे। बजट तैयार करने के कार्यक्रम के अनुसार पहली बैठक में वित्तीय सेवा विभाग के साथ एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), आवास, इस्पात और बिजली क्षेत्र के अधिकारी समेत अन्य शामिल हुए।

निर्मला सीतारमण का ये होगा तीसरा बजट
गौरतलब है कि यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का तीसरा बजट होगा। अगले वित्त वर्ष 2021-22 का बजट एक फरवरी, 2021 को पेश किए जाने की संभावना है। मोदी की सरकार ने ब्रिटिश जमाने से चली आ रही फरवरी के अंत में बजट पेश करने की प्रथा को समाप्त कर दिया। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उस वक्‍त के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार एक फरवरी, 2017 को बजट पेश कर इस परिपाटी को समाप्त किया।

पहले फरवरी के आखिर में पेश होता था बजट
उल्‍लेखनीय है कि आम बजट को फरवरी के अंत में पेश करने के बजाय अब एक फरवरी को पेश करने और नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले ही पारित किए जाने से मंत्रालयों और विभागों को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से ही बजट आवंटन हो जाता है, जिससे वह अपना काम आगे बढ़ा सकते हैं। इससे पहले जब फरवरी अंत में बजट पेश होता था तब मई तक ही बजट को पूरी तरह से मंजूरी मिल पाती थी। ऐसे में पहली तिमाही और उसके बाद मानसून आने से मंत्रालयों और विभागों का वास्तविक कामकाज अगस्त अथवा सितम्‍बर से ही शुरू हो पाता था। (एजेंसी, हि.स.)

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