पटना: पटना (Patna) के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह द्वारा शुक्रवार को बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (BPSC 70th Preliminary Exam) के दौरान एक छात्र को थप्पड़ मारने की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है. हालांकि इस मामले पर डीएम ने अपना बयान भी दे दिया है लेकिन मामले ने तूल पकड़ लिया है. बीपीएससी की इस परीक्षा के आयोजन से पहले ही बवाल हो चुका था. राजधानी में बडी संख्या में अभ्यर्थियों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया था. जिसे लेकर पुलिस प्रशासन की तरफ से लाठीचार्ज किया गया था. इसके बाद बीपीएससी ने नियत वक्त पर परीक्षा के आयोजन की सूचना दी थी.
राजधानी के बापू टावर स्थित परीक्षा केंद्र पर पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वह एक छात्र को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे थे. इस वीडियो के वायरल होते ही राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया.
हालांकि इस संबंध में जिला प्रशासन की तरफ से पूरी जानकारी भी दी गई. जानकारी के अनुसार बापू परीक्षा परिसर, कुम्हरार में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के दौरान कुछ परीक्षार्थियों द्वारा अनियमितता का आरोप लगाते हुए बहिष्कार किया गया और परीक्षा कक्ष से बाहर परिसर में आकर हल्ला हंगामा किया गया.
जिला प्रशासन ने कहा कि सूचना मिलते ही जिलाधिकारी पटना और वरीय पुलिस अधीक्षक पटना भी केंद्र पर पहुंचे. केंद्र के बाहर कुछ लोगों द्वारा ट्रॉली लगाकर सड़क जाम कर दिया गया था जिसके कारण भारी अव्यवस्था हो गई थी. एक अतिरिक्त केंद्राधीक्षक राम इकबाल सिंह को हार्ट अटैक हो गया था, जिन्हें अविलंब अस्पताल भेजने का प्रयास किया जा रहा था. अस्पताल पहुंचने पर उनकी मौत हो गई. एक महिला परीक्षार्थी भी बेहोश हो गई थी. जिसे एम्बुलेंस से अस्पताल भेजने का प्रयास किया जा रहा था, अस्पताल पहुंचने पर उसकी स्थिति में सुधार हुआ.
तनावपूर्ण परिस्थिति में हल्का बल प्रयोग कर जाम हटाया गया और लोगों को सड़क से किनारे कर यातायात बहाल किया गया. किसी परीक्षार्थी को थप्पड़ मारकर आहत करने की मंशा नहीं थी. जिला प्रशासन परीक्षार्थियों की सुविधा एवं हित के लिए सदैव तत्पर है. परंतु सुनियोजित ढंग से अफवाह फैलाकर पूरी व्यवस्था को भंग करने वालों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल बीपीएससी की इस 70वीं प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन पटना समेत राज्य के 912 सेंटर पर किया गया था. 911 सेंटर पर परीक्षा शांतिपूर्ण रही लेकिन राजधानी के बापू परीक्षा केंद्र पर बवाल हो गया. यहां करीब 12,000 परीक्षार्थी परीक्षा देने आए थे. एक ब्लॉक के तीन परीक्षा हॉल में छात्रों ने हंगामा किया. उन्होंने कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कई आरोप भी लगाए. इसी हंगामे के बीच सेंटर अधीक्षक राम इकबाल सिंह को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई.
बीपीएससी की परीक्षा में हुए हंगामे को लेकर के राजनीतिक दलों ने भी बखूबी निशाना साधा. इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधे-सीधे अपने निशाने पर सरकार को लिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि पेपर लीक नहीं बल्कि सरकार ही लिक हो गई है. सरकार में बैठे हुए माफिया पेपर लीक करवा रहे हैं. सरकार बिना पेपर लीक कराए परीक्षा नहीं करा पा रही है.
तेजस्वी यादव ने तो यहां तक का दिया कि मुख्यमंत्री करोडों रुपए खर्च करके यात्रा पर निकल रहे हैं जबकि छात्र लाठी, डंडे और डीएम से थप्पड़ खा रहे हैं. उनका यह भी कहना था कि जब हमारी सरकार बनेगी तो बीपीएससी की परीक्षा में छात्रों को रहने और आने जाने का खर्च सरकार देगी. परीक्षा पूरी तरीके से गड़बड़ी मुक्त रहेगी.
डीएम के द्वारा छात्र को थप्पड़ मारने का मामला कुछ इस कदर तूल पकडा, कि अब यह नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (NHRC) के दरवाजे तक पहुंच गया. पटना डीएम पर NHRC में शिकायत दर्ज कराई गई है. बिहार के ही रहने वाले ब्रजेश सिंह नाम के व्यक्ति ने NHRC में शिकायत दर्ज कराई है. ब्रजेश सिंह पेशे से वकील हैं और नई दिल्ली में रहते हैं.
दरअसल बीपीएससी की इस परीक्षा में शुरू में ही कहानी और विवाद का जो दौर शुरू हुआ, वह इसके खत्म होने तक जारी रहा. हालांकि बीपीएससी के अध्यक्ष ने सारे पहलुओं को सुनने के बाद शुक्रवार की शाम हो ही पूर्ण विराम भी लगा दिया था.
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