नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना (5 State Assembly Election Counting) के लिए चुनाव आयोग (Election Commission) ने विस्तृत गाइडलाइंस तैयार करके संबंधित राज्यों को भेजा है। गाइडलाइंस के मुताबिक उम्मीदवार या एजेंट को मतगणना से पहले कोरोना वायरस संक्रमण की आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट या टीकाकरण के दोनों खुराक की स्थिति में ही जाने की इजाजत होगी।
इसके साथ ही आयोग ने कहा है कि मतगणना केंद्र के बाहर लोगों का हुजूम नहीं जुटेगा। साथ ही राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रोटोकॉल के मुताबिक मतगणना हाल बड़ा होगा। मतगणना के दिन उम्मीदवार और एजेंट के लिए पीपीई किट उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही ग्लव्स, मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड भी मतगणा से जुड़े लोगों और सुरक्षा कर्मियों को मुहैया कराया जाएगा।
बंगाल में शेष है चुनाव
चुनाव आयोग ने देश में कोरोना महामारी के गंभीर संकट के मद्देनजर चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजों के आने के बाद विजय जुलूस निकालने पर मंगलवार को प्रतिबंध लगा दिया। असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में दो मई को मतगणना होगी। पश्चिम बंगाल में अभी आठवें एवं अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होना है, जबकि बाकी शेष चार प्रदेशों में मतदान संपन्न हो चुका है।
प्रमाणपत्र के लिए सिर्फ दो को मिलेगी अनुमति
आयोग की ओर से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘पूरे देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर आयोग ने फैसला किया है कि मतगणना के दौरान अधिक सख्त प्रावधानों पर अमल किया जाए… दो मई को मतगणना के बाद किसी भी विजय जुलूस को निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’ साथ ही जीत का प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए विजेता उम्मीदवार या उसके द्वारा अधिकृत व्यक्ति के साथ-साथ दो से अधिक लोगों के पहुंचने की अनुमति नहीं होगी।
EC पर बिफरा मद्रास हाईकोर्ट
विजय जुलूस निकालने पर प्रतिबंध का यह आदेश आने से एक दिन पहले मद्रास हाईकोर्ट ने चुनावों के दौरान कोविड संबंधी दिशानिर्देशों का पालन कराने में विफल रहने को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ सख्त रुख दिखाया था। अदालत ने कहा था कि देश में कोरोना की दूसरी लहर आने के लिए चुनाव आयोग एकमात्र जिम्मेदार संस्था है।
‘हत्या का मुकदमा’ चलाने की चेतावनी
हाईकोर्ट ने आयोग को ‘सबसे गैरजिम्मेदार संस्था’ करार देते हुए कहा था कि इस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जा सकता है। न्यायाधीशों ने मौखिक रूप से यह चेतावनी भी दी कि वे दो मई को मतगणना पर रोक लगाने से नहीं हिचकेंगे। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह मतगणना के दिन अपनाए जाने वाले कोविड-19 प्रोटोकॉल से संबंधित ब्लूप्रिंट के बारे में 30 अप्रैल तक विस्तृत रिपोर्ट दायर करे। आयोग ने कहा है कि मतगणना कक्ष में क्षमता के 50 फीसदी लोग ही मौजूद रहेंगे।
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