नई दिल्ली। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) होने पर काफी सारे घर की बड़ी-बुजुर्ग महिलाएं केसर खाने की सलाह देती हैं। उनका तर्क होता है केसर खाने से बच्चा गोरा पैदा होगा। लेकिन ऐसा नही है केसर प्रेग्नेंट महिलाओं की सेहत के लिए अच्छा हो सकता है लेकिन इसे खाने का सही तरीका पता होना जरूरी है। प्रेग्नेंस के शुरुआती ट्राइमेस्टर में भूलकर भी केसर नहीं खाना चाहिए। इस बारे में डॉक्टर्स भी सलाह देते हैं। जानें हेल्थ बेनिफिट्स के लिए आखिर कब प्रेग्नेंसी में केसर खाना शुरू करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में केसर पिलाने से दर्द की समस्या पैदा हो सकती है।
लूज मोशन होना शुरू हो सकता है।
मूड स्विंग की समस्या पैदा होना शुरू हो सकती है।
7वें महीने से दें केसर
-डॉक्टर्स के मुताबिक केसर को अगर सातवें महीने से दिया जाए जब बेबी डेवलप हो जाता है और ग्रोथ होनी शुरू हो जाती है तो केसर प्रेग्नेंट लेडी को इस तरह से हेल्थ में मदद करता है।
-नींद ना आने की समस्या को खत्म करता है। प्रेग्नेंसी में नींद ना आने की समस्या काफी सारी लेडीज को होती है। ऐसे में दूध में एक केसर के रेशे को घोलकर पिलाया जा सकता है।
-इसके साथ ही हार्मोंस की वजह से चेहरे पर झाईयां निकलना शुरू हो जाती हैं। ऐसे वक्त में केसर पिलाने से इन झाईयों और दाग-धब्बों को दूर करने में मदद मिलती है।
-मूड स्विंग्स की प्रॉब्लम दूर होती है।
-प्रेग्नेंसी में काफी सारी महिलाओं की सांस फूलना शुरू हो जाती है। तो केसर का सेवन सांस फूलने जैसी दिक्कत से भी बचाता है।
-केसर में मौजूद पोषक तत्व बच्चे की ग्रोथ में मदद करते हैं।
-साथ ही ये ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करते हैं और हार्ट को भी मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
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