नई दिल्ली। बारिश (rain) के बाद मौसम सुहाना हो जाता है. मौसम का मज़ा उठाने के लिए लोग न जाने क्या-क्या करते हैं. कुछ लोग पसंदीदा खाना खाते हैं तो कुछ बारिश की बूंदों में भीगते हुए बाइक पर लॉंग ड्राइव पर निकल जाते हैं, लेकिन आपको इस मौसम में बहुत सावधान(Precaution) रहने की जरूरत है. बीमारियां और इंफेक्शन सबसे ज्यादा इसी सीजन में फैलते हैं. बारिश में खान-पान को लेकर बहुत ध्यान रखना चाहिए. जरा सी लापरवाही से आप बीमार पड़ सकते हैं. बारिश में पाचनक्रिया कमजोर हो जाती है. इसलिए हल्का और आसानी से पचने वाला खाना खाने की सलाह दी जाती है. मानसून में खासतौर से नॉनवेज खाने से बचना चाहिए. मांसाहारी खाने को पचाने में काफी वक्त लगता है. इसके अलावा ऐसे खाने से सबसे जल्दी इंफेक्शन होने का खतरा रहता है.
बारिश में नॉन वेज क्यों नहीं खाना चाहिए?
मानसून में नॉनवेज न खाने की एक धार्मिक वजह है कि ये सावन भगवान शिव का महीना होता है. इस महीने में लोग पूजा-पाठ और व्रत उपवास करते हैं. ऐसे में मांसाहारी खाने से दूर रहते हैं. अब बात करते हैं इसके पीछे के साइंटिफिक नजरिए की, जिसमें नॉन वेज फूड को देरी से पचने वाला और हाई प्रोटीन फूड माना जाता है. बारिश में पाचनतंत्र कमजोर होने की वजह से नॉनवेज देरी से पचता है और पेट में गैस, गर्मी, अपच और अन्य परेशानियां पैदा करता है.
2- कमजोर डाइजेशन-
बारिश में पाचन अग्नि (digestive fire) का असर कम हो जाता है. ऐसे में नॉन वेज फूड्स को पचाने में मुश्किल आती है. देरी से पचने की वजह से खाना आंतों में सड़ने लगता है. इससे फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) का खतरा बढ़ता है.
3- पशु बीमार होते हैं-
बारिश में कीड़े-मकोड़ों बढ़ जाते हैं और जानवर भी बीमार होने लगते हैं. इस सीजन में पशुओं में कई तरह की बीमारियां फैलती हैं, जिसकी वजह से नॉनवेज खाना आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है.
4- मछली प्रदूषित हो जाती है-
बारिश में पानी के साथ गंदगी बहकर तालाब और फिर नदियों में चली जाती है. ऐसे में मछली दूषित पानी और खाने का सेवन करती हैं. इस मौसम में मछली खाने से भी बचना चाहिए. इससे आप बीमार हो सकते हैं.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं हम इसकी जांच या सत्यता की पुष्टि नहीं करते हैं. इन्हें अपनानें से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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