कोरोना काल में सभी लोगों को सही पोषण पर अधिक ध्यान देना चाहिए। सही पोषण रहने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है। इसके लिए हमें अधिक से अधिक पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए। इसलिए पोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता को लेकर हर व्यक्ति को सजग रहने की जरूरत है। पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता में तेजी से वृद्धि होती है। यह हमें कई बीमारियों से दूर रखता है।
विटामिन, कैल्शियम और आयरनयुक्त आहार है जरूरी-
रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए विटामिन, कैल्शियम और आयरनयुक्त आहार का सेवन जरूरी है। समय पर खाना खाना चाहिए। खाना खाने के करीब 30 मिनट बाद भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है।
इस सब्जी एवं फल का सेवन और व्यायाम है जरूरी-
उचित पोषण और पौष्टिकता के लिए पालक, पनीर, सोयाबीन, कद्दू, गाजर, बीट समेत अन्य हरी सब्जी और साग का भरपूर मात्रा में सेवन करें। जबकि केला, पपीता, संतरा, अनार, अनानास आदि मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने एवं बढ़ाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और साथ ही भरपूर नींद लें।
क्या है रोग प्रतिरोधक क्षमता-
डॉ. रमण कुमार झा बताते हैं कि प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग, कोशिकाएं, टिशू और प्रोटीन आदि शामिल होते हैं। ये सभी तत्व मिलकर मानव शरीर को सही तरीके से काम करने में सहायता करते हैं। इसके साथ में प्रतिरक्षा प्रणाली मानव शरीर को बीमारियों, संक्रमण, वायरस इत्यादि से लड़ने में सहायता प्रदान करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बीमारियों से लड़ने की शक्ति है, जो व्यक्ति को सेहतमंद रहने में सहायता करती है।
प्रतिरोधक क्षमता के फायदे और कमी के लक्षण एवं कारण-
रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से लोग शारीरिक, मानसिक रूप से भी मजबूत रहते और संक्रामक बीमारियों से दूर रहते हैं। साथ ही स्वस्थ और मजबूत शरीर का निर्माण होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से तनाव महसूस होता है, अधिक सर्दी लगता है, पेट संबंधी परेशानियां, चोट को ठीक होने में अधिक समय लगता है, संक्रमण होता है और कमजोरी महसूस होती है। इसलिए नशीले पदार्थों का सेवन और पर्याप्त नींद की कमी और व्यायाम नहीं करना घातक हो सकता है।
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