img-fluid

भारत के साथ समझौता करना आसान, डील करने वाला पहला देश बन सकता है US, दिए ये संकेत

April 29, 2025

नई दिल्ली । अमेरिकी कोषाध्यक्ष स्कॉट बेसेन्ट(US Treasurer Scott Bessant) ने सोमवार को कहा कि भारत(India) जल्द ही अमेरिका(America) के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreements) को अंतिम रूप देने वाला पहला देश बन सकता है। यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 26 प्रतिशत जवाबी टैरिफ से बचने में भारत की मदद करेगा। बेसेन्ट ने यह बयान सुबह-सुबह दो टीवी इंटरव्यू के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि कई शीर्ष व्यापारिक साझेदारों ने टैरिफ से बचने के लिए “बहुत अच्छे” प्रस्ताव दिए हैं।

व्यापार समझौते की मुख्य बातें

बेसेन्ट ने सीएनबीसी को बताया, “भारत में गैर-टैरिफ व्यापार बाधाएं कम हैं, कोई मुद्रा हेरफेर नहीं है, और सरकारी सब्सिडी बहुत कम है, जिसके कारण भारत के साथ समझौता करना आसान है।” उन्होंने कहा कि यह समझौता इस सप्ताह या अगले सप्ताह तक हो सकता है, हालांकि उन्होंने और विवरण नहीं दिए। यह समझौता 19 प्रमुख क्षेत्रों को कवर करेगा, जिसमें कृषि उत्पादों, ई-कॉमर्स, डेटा स्टोरेज, और महत्वपूर्ण खनिजों के लिए बाजार पहुंच शामिल है।


भारत-अमेरिका व्यापार संबंध

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को गहरा करने के लिए यह समझौता महत्वपूर्ण है। वर्तमान में, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 190 बिलियन डॉलर से अधिक है, और इस समझौते का लक्ष्य 2030 तक इसे 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना है। 2024 में, अमेरिका के साथ भारत का व्यापार घाटा 45.7 बिलियन डॉलर था, जो वाशिंगटन के लिए चिंता का विषय रहा है।

2024-25 में, भारत का अमेरिका को निर्यात 11.6% बढ़कर 86.51 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात 7.44% बढ़कर 45.33 बिलियन डॉलर रहा। भारत ने अमेरिका के साथ 41.18 बिलियन डॉलर का व्यापार अधिशेष बनाए रखा, जो भारत के कुल निर्यात का लगभग 20% और आयात का 6% से अधिक है।

समझौते की पृष्ठभूमि

यह समझौता पहली बार फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की वाशिंगटन में मुलाकात के दौरान प्रस्तावित किया गया था। दोनों नेताओं ने पहला चरण 2025 की सर्दियों तक पूरा करने पर सहमति जताई थी। इस सप्ताह की शुरुआत में दोनों पक्षों ने समझौते के लिए संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप दिया।

21 अप्रैल को नई दिल्ली में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात के बाद औपचारिक वार्ता शुरू हुई। वेंस ने जयपुर में एक कार्यक्रम में भारत से गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने, अपने बाजारों को और खोलने, और अमेरिकी ऊर्जा और रक्षा उपकरणों के आयात को बढ़ाने का आग्रह किया था।

चुनौतियां और संभावनाएं

हालांकि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता तेजी से आगे बढ़ रही है, कुछ मुद्दे अभी भी बाकी हैं। अमेरिका ने भारत में गैर-टैरिफ बाधाओं, जैसे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट के कुछ प्रावधानों, डेटा स्थानीयकरण, और गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों पर चिंता जताई है। इन मुद्दों को हल करने के लिए दोनों देश “साइड लेटर्स” के माध्यम से समझौते के बाहर समाधान तलाश सकते हैं। भारत ने भी अमेरिका से निर्यात नियंत्रण में ढील और उन्नत प्रौद्योगिकियों तक अधिक पहुंच की मांग की है, जैसा कि अमेरिका अपने करीबी सहयोगियों, जैसे ऑस्ट्रेलिया, यूके, और जापान को प्रदान करता है।

यह समझौता ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव चरम पर है। बेसेन्ट ने कहा कि चीन द्वारा कुछ अमेरिकी सामानों पर प्रतिशोधी टैरिफ में छूट देने से व्यापार तनाव को कम करने की इच्छा झलकती है। हालांकि, भारत के साथ समझौता आसान है क्योंकि भारत की व्यापार नीतियां अधिक पारदर्शी हैं।

Share:

  • डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ पर एक और यू-टर्न, ऑटो पार्ट्स पर आयात शुल्क कम करने का लिया फैसला

    Tue Apr 29 , 2025
    नई दिल्‍ली । डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने टैरिफ (Tariff) पर एक और यू-टर्न लिया है। ट्रंप प्रशासन ने घरेलू कार निर्माताओं (Domestic car manufacturers) को राहत देते हुए ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector) पर लगने वाले आयात शुल्क (टैरिफ) के प्रभाव को कम करने का फैसला किया है। इसके तहत विदेशी पार्ट्स पर लगने वाले […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved