यह पर्व जीवन के बदलाव का प्रतीक, ऑनलाइन प्रेयर और आराधना हुई
इन्दौर। आज ईस्टर रविवार (Easter Sunday) को शहर के कई गिरजाघरों (churches) में धार्मिक परंपराएं पूरी की गईं और आन लाइन (online) आराधना की गई जिसमें घर बैठे समाजजनों ने भागीदारी की। इसके पूर्व घरों में शनिवार शाम को मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु (lord jesus) में अपनी आस्था समाजजनों ने प्रकट की।
ईस्टर संडे (Easter Sunday) इसाइयों का सबसे बड़ा त्यौहार है। ईसाई धार्मिक ग्रंथों (christian religious texts) के अनुसार सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन प्रभु यीशु आज ही के दिन पुनर्जीवित हो गए थे। इस पर्व को ईस्टर दिवस व ईस्टर संडे के रूप में मनाते हैं। ईस्टर खुशी का दिन होता है। ईस्टर का पर्व नए जीवन व जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ईस्टर संडे के अवसर पर प्रभु ईसा मसीह के आगमन के इंतजार में शनिवार की रात से ही इसाई समुदाय के अनुयायियों ने अपने घरों में ही आराधना की।
पुनरुत्थान भौर की आराधना की गई
कोरोना संक्रमण (corona transition) के चलते चर्चों से आनलाइन (online) प्रेयर ईस्टर अवसर पर की गई। पुनरुत्थान भौर की अराधना में समाजजनों ने भाग लिया। समाजजन कब्रिस्तान जाकर अपने मृत परिजनों का स्मरण और कब्र पर फूल नहीं चढ़ा पाए वे इस विश्वास के साथ उनके लिए प्रार्थना करते हैं कि वे भी पुनर्जीवित हो जाएंगे।
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