नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के जिला किश्तवाड़ और डोडा (District Kishtwar and Doda) में शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शुक्रवार को किश्तवाड़ में चार और डोडा में एक बार भूकंप का झटका लगा। ऐसे में शाम साढ़े पांच बजे तक कुल पांच बार भूकंप के झटके लग चुके हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इसकी जानकारी दी है।
किश्तवाड़ में शाम 5:20 पर 3.8 की तीव्रता का भूंकप आया। इससे पहले सुबह 06: 56 पर 2.9 की तीव्रता का झटका लगा। रात 02 :09 पर 3.2 की तीव्रता, रात 01 :24 पर 2.9 की तीव्रता का भूकंप आया। वहीं, डोडा में सुबह 5:37 पर 2.6 की तीव्रता का झटका लगा। पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर सात या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।
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