नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी में बीते साल 2021 में जबरदस्त निवेश देखने को मिला, वहीं विशेषज्ञों ने इस साल भी क्रिप्टो बाजार में बहार देखने की उम्मीद जताई है। हालांकि, साल 2022 की शुरुआत की बात करें तो साल शुरू होने के साथ ही ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में गिरवाट का दौर चालू हुआ, जो अभी तक जारी है। शुक्रवार को ये अनियमित बाजार फिर से क्रैश हो गया और बिटक्वाइन की कीमत 6 फीसदी तक घट गई।
2 लाख रुपये तक गिरा बिटक्वाइन का दाम
दुनिया की सबसे पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत में शुक्रवार को भारी गिरावट देखने को मिली। इसकी कीमत में 5.89 फीसदी की भारी कमी आई। इस गिरावट के बाद इस डिजटल करेंसी की कीमत 1,98,773 रुपये तक घटकर 31,75,096 रुपये पर आ गई। इस कीमत पर बिटक्वाइन का बाजार पूंजीकरण भी गिरकर 54.7 खरब रुपये के निचले स्तर तक आ गया। बिटक्वाइन के साथ ही दुनिया की दूसरी सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी इथेरियम के दाम में भी भारी कमी आई है। इसकी कीमत 6.88 फीसदी या 17,331 रुपये टूटकर 2,34,512 रुपये रह गई। इसका मार्केट कैप 25.3 खरब रुपये रह गया।
दूसरी बड़ी डिजिटल करेंसियों में गिरावट
दुनिया की टॉप 10 डिजिटल करेंसियों में शामिल बिटक्वाइन और इथेरियम के बाद अन्य ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसियों के लिए शुक्रवार काला शुक्रवार बनकर सामने आया। बिनांस क्वाइन की कीमत 7.90 फीसदी कम होकर 35,112 रुपये, पोल्काडॉट का दाम 7.12 फीसदी गिरकर 1,833 रुपये, डॉजक्वाइन का दाम 5.89 फीसदी घटकर 12.47 रुपये और शीबा इनु का भाव 6.58 फीसदी की गिरावट के साथ 0.002088 रुपये पर आ गया। इसके अलावा लाइटक्वाइन की कीमत में जबरदस्त 8.27 फीसदी की गिरावट आई और इसका दाम घटकर 10,189 रुपये रह गया है।
बीते साल ऑल टाइम हाई पर था बिटक्वाइन
शुक्रवार को आई भारी गिरावट के सैलाब में टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसी में शामिल टेथर क्वाइन ही एकमात्र ऐसी डिजिटल करेंसी थी, जिसमें बढ़त देखने को मिली। टेथर की कीमत में मामलू 0.91 फीसदी या 0.73 रुपये की बढ़ोतरी हुई। इस तेजी के साथ इसका दाम बढ़कर 81.39 रुपये हो गया। इस कीमत पर टेथर क्वाइन का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 5.8 खरब रुपये के स्तर पर पहुंच गया। गौरतलब है कि 2021 कें नवंबर माह में बिटक्वाइन, इथेरियम और अन्य क्रिप्टो करेंसियों में जोरदार बढ़त देखने को मिली थी। बिटक्वाइन और इथेरियम ने इसी महीने अपने ऑल टाइम हाई स्तर को छुआ था, हालांकि इस उच्च स्तर को छूने के बाद से इनमें गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ, जो नए साल की शुरुआत के बाद से जारी है।
भारत में सुनहरा नहीं क्रिप्टो का भविष्य
इस अनियमित बाजार को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर तक चिंता व्यक्त कर चुके हैं। भारतीय निवेशकों को सुरक्षा देने के मकसद से और इस क्रिप्टो बाजार को प्रबंधित करने के उद्देश्य से क्रिप्टो बिल भी तैयार किया गया है। हालांकि इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं किया जा सका। 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट 2022 में सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़े एलान किए जाने संभव हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जा सकता है। हालांकि, इस बारे में सब कुछ साफ क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश होने के बाद ही साफ हो पाएगा।
भारत में क्रिप्टो निवेशक सबसे ज्यादा
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत समेत दुनियाभर में क्रिप्टो के प्रति लोगों की दीवानगी का आलम सिर चढ़कर बोल रहा है। इस संबंध में जारी कई रिपोर्टों के अनुसार, इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेश भारत में मौजूद हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या करीब 10.7 करोड़ हो चुकी है और 2030 तक क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों द्वारा निवेश बढ़कर 24.1 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है।
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