वाराणसी: देश पर फिर भूकंप का खतरा मंडरा रहा है. बीते आठ नवंबर की रात पड़ोसी देश नेपाल की धरती के 10 किलोमीटर नीचे हलचल के कारण नेपाल के साथ-साथ भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किये गये थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई थी. देर रात आए इस भूकंप के बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ सहित अन्य जगहों पर दो और भी झटके लोगों ने महसूस किए. लगातार आ रहे भूकंप के झटके से लोगों में दशहत है.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय यानी बीएचयू के भू-गर्भ वैज्ञानिक का दावा है कि अगले 40 दिनों तक भूकंप का खतरा बना हुआ है. भारत के कई राज्यों में इसके झटके फिर से आ सकते हैं. हालांकि इसकी तीव्रता क्या होगी, और इससे नुकसान कितना होगा यह बता पाना मुश्किल है. बीएचयू के भू-भौतिकी विभाग के प्रोफेसर रोहतास कुमार ने बताया कि भूकंप के झटकों के बाद छोटे-छोटे भूकंप के झटके आते हैं, जिन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.
40 दिन में फिर से आ सकता है भूकंप!
उन्होंने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है कि यह छोटे-छोटे झटके बड़े भूकंप का संकेत देते हैं. ऐसे में भूकंप के झटकों के बाद 30 से 40 दिनों तक उसके दोबारा आने का खतरा बना रहता है. हालांकि इसका सटीक आकलन नहीं किया जा सकता है, लेकिन हिमालय रीजन में इसके आने की आशंका हमेशा बनी रहती है. हिमालय रीजन में भूकंप के कारण उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत उत्तर भारत में इसके झटके महसूस किये जा सकते हैं.
ऐसे आया भूकंप
प्रोफेसर रोहतास कुमार ने बताया कि हाल-फिलहाल में जो भूकंप के झटके आये हैं उसका प्रमुख कारण इंडियन प्लेट का यूरेशियन प्लेट से टकराव है. हालांकि ऐसी हलचल हर दिन होती है, लेकिन उसकी तीव्रता जब तेज होती है तो लोगों को भूकंप के झटके महसूस होते हैं.
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