नई दिल्ली (New Delhi)। एग्जिट पोल (Exit poll.) से उलट आए चुनाव नतीजों (Election results.) से शेयर बाजार में भूचाल (Stock market earthquake) आ गया और सेंसेक्स-निफ्टी में भारी गिरावट (Huge fall in Sensex-Nifty) आई। सेंसेक्स ने 4389 अंकों का गोता लगाया तो निफ्टी ने 1379 अंक की। सेंसेक्स 72079 पर बंद हुआ और निफ्टी 21884 के लेवल पर। इतनी गिरावट के बाद क्या बाजार में पैसा लगाने का यह सही समय है?
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज है। बाजार के स्थिर होने पर बाजार तेज वापसी कर सकते हैं। ऐसे में निवेशकों के पास अच्छे शेयर सस्ते दाम पर खरीदने का मौका है। वे लंबी अवधि के लिए इनमें निवेश कर सकते हैं। फिलहाल उन्हें बाजार के स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए।
मंगलवार की गिरावट का सबसे ज्यादा असर सरकारी कंपनियों (पीएसयू) और बैंकों के शेयर पर पड़ा। इनमें 20 से 23 फीसदी तक की गिरावट आई। इसके साथ ही अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में 21 फीसदी तक की कमजोरी दर्ज की गई। शेयर बाजार में हुए इस उलटफेर से निवेशकों को 31 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा।
एक दिन पहले की थी खरीदारी
गौरतलब है कि अधिकांश एग्जिट पोल में एनडीएन गठबंधन को भारी बढ़त अनुमान जताया गया था। इससे उत्साहित निवेशकों ने सोमवार को घरेलू शेयर बाजारों में चौतरफा खरीदारी की थी, जिसके चलते सेंसेक्स और निफ्टी अपने सर्वकालिक नए शिखर पर पहुंच गए थे। सेंसेक्स ने 2500 अंक और निफ्टी ने 733 अंक की जोरदार छलांग लगाई थी, लेकिन मंगलवार को आए अप्रत्याशित चुनावी नतीजों ने निवेशकों में डर पैदा कर दिया, जिससे भारी बिकवाली शुरू हो गई।
सरकारी शेयर बुरी तरह पिटे
सेंसेक्स की कंपनियों में शामिल पीएसयू और बैंक शेयर भी बुरी तरह पिटे। आरईसी लिमिटेड में 24 फीसदी और पीएफसी के शेयर में 21 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। एनटीपीसी में 15 प्रतिशत की गिरावट हुई। इसके अलावा बैंक ऑफ बडौदा में 16 और एसबीआई में करीब 14 प्रतिशत की गिरावट आई।
बाजार पूंजीकरण में तेज गिरावट
सेंसेक्स की दिग्गज कंपनियों में हुई बिकवाली का असर छोटी और मझौली कंपनियों पर हुआ। बीएसई का मिडकैप 8.07 प्रतिशत फिसलकर 40788.10 अंक पर और स्मॉलकैप 6.79 फीसद गिरकर 44958.48 अंक पर रहा। शेयर बाजार में इस बिकवाली से बीएसई का बाजार पूंजीकरण गिरकर 394.83 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। पिछले दिवस यह 425.91 लाख करोड़ रुपये पर रहा था। इस तरह से निवेशकों के 31.07 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
पिछले दो नतीजों पर ऐसा था हाल
नरेन्द्र मोदी सरकार जब 16 मई, 2014 को सत्ता में आई थी, तब सेंसेक्स 261.14 अंक या 0.90 प्रतिशत बढ़कर 24,121.74 अंक पर बंद हुआ था। उस दिन निफ्टी 79.85 अंक या 1.12 प्रतिशत बढ़कर 7,203 अंक पर पहुंच गया था। मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने पर 23 मई, 2019 को सेंसेक्स 298.82 अंक या 0.76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 38,811.39 अंक पर बंद हुआ था। इस दिन निफ्टी 80.85 अंक या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,657.05 अंक पर बंद हुआ था।
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