मोरक्को। मोरक्को (Morocco) के मराकेश के दक्षिण-पश्चिम हिस्से (south-west part of Marrakesh) में शुक्रवार देर रात को 6.8 तीव्रता के जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसमें लगभग 132 लोगों की जान चली गई. इस बात की जानकारी यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने दी. बताया गया कि भूकंप के झटके रात के करीब 11:11 बजे महसूस किए गए. इस भूकंप (Earthquake) के झटके का एपीसेंटर मारकेश से 71 किलोमीटर दूर 18.5 किलोमीटर की गहराई पर था.
सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट किए गए वीडियो के मुताबिक भूकंप (Earthquake) की झटके की वजह से मलबा संकरी गलियों में बिखरा पड़ा था और लोगों के घरों के सामान अलमारियों से गिर गया. भूकंप (Earthquake) की तीव्रता को लेकर यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने शुरुआती आंकड़े पेश किए, जिसको लेकर उन्होंने आर्थिक नुकसान को दर्शाने के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि ज्यादा नुकसान होने की संभावना है.
मोरक्को में पहले भी आए भूकंप
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने शुरुआती आंकड़े पेश करते हुए भूकंप के झटकों की वजह से हुई मौतों के लिए पीला अलर्ट जारी किया गया है, जो दर्शाता है कि कुछ हताहत होने की संभावना है. USGS ने कहा, “इस क्षेत्र की आबादी वैसे इलाकों में रहती है, जो भूकंप के झटकों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है.”
अफ़्रीकी और यूरेशियाई प्लेटों के बीच स्थित होने के कारण मोरक्को के उत्तरी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. पूर्वोत्तर मोरक्को के अल होसेइमा में 2004 के दौरान आए तेज भूकंप के झटकों की वजह से कम से कम 628 लोग मारे गए और 926 घायल हो गए थे.
इसके अलावा मोरक्को के पड़ोसी देश अल्जीरिया में 1980 के दौरान आए 7.3 तीव्रता की तेज भूकंप की वजह से 2,500 लोग मारे गए और कम से कम 3 लाख लोग बेघर हो गए थे. जिसे हाल के इतिहास में सबसे बड़े और सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक माना जाता है.
कैसे आता है भूकंप
पृथ्वी के अंदर टेक्टॉनिक प्लेटों के आपस में टकराने की वजह से भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स मौजूद होती हैं, जो हमेशा घूमती रहती है. लेकिन जब कभी ये प्लेटें आपस में टकराती है तो एक फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है, जिससे प्लेटों के सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनता है. इसकी वजह से प्लेट्स टूटने लगती हैं. इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिससे धरती हिलती है और इसे हम भूकंप कहते हैं.
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