इस्तांबुल/दमिश्क । तुर्की और सीरिया में (In Turkey-Syria) आए विनाशकारी भूकंप से (From the Devastating Earthquake)मरने वालों की संख्या बढ़कर (Death Toll Rises) 5000 से अधिक (Over 5000) हो गई है। दोनों पड़ोसी देशों में भारी बारिश और हिमपात के बीच बचाव दलों को पीड़ितों को मदद पहुंचाने और मलबे में दबे लोगों को निकालने में काफी परेशानी हो रही है।
तुर्की के डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (एएफएडी) के अनुसार, कम से कम 15,834 लोग घायल हुए हैं, जबकि 7,840 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया। एएफएडी ने यह भी कहा कि कम से कम 5,606 इमारतें नष्ट हो गई। कुल 14,720 लोग मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं जिसमें सैन्यकर्मी भी शामिल हैं।
तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहरामनमारस में सोमवार सुबह 4.17 बजे विनाशकारी 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके कुछ मिनट बाद गजियांटेप प्रांत में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने कहा कि 7.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र गजियांटेप में नूरदगी से 23 किमी पूर्व में 24.1 किमी की गहराई में था। लगभग 1.30 बजे, 7.5 तीव्रता का एक और झटका कहरामनमारस में आया, जिसके बारे में अधिकारियों ने कहा कि यह आफ्टरशॉक नहीं था। पूरे दिन में 60 से अधिक झटके महसूस किए गए। सीरिया में सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में कुल मिलाकर 711 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें से ज्यादातर अलेप्पो, हमा, लताकिया और टार्टस के क्षेत्रों में दर्ज की गईं।
व्हाइट हेल्मेट्स समूह, जिसे आधिकारिक तौर पर सीरिया नागरिक सुरक्षा के रूप में जाना जाता है, ने विपक्ष-नियंत्रित क्षेत्रों में 740 मौतों की सूचना दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि दोनों देशों में बचाव अभियान अभी भी जारी है।
भूकंप के केंद्र के पास तुर्की के उस्मानिया शहर में, भारी बारिश से बचाव कार्य प्रभावित हुआ। तबाही के बाद शहर में बिजली भी गुल है। भूकंप से तुर्की के तीन हवाई अड्डों को भी काफी नुकसान पहुंचा है, जिससे राहत और बचाव कार्य में कई चुनौतियां आ रही हैं।
कई देशों ने प्रभावित क्षेत्र की मदद के लिए बचावकर्मियों को भेजा है और समर्थन की पेशकश की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने तुर्की समकक्ष रेसेप तैयप एर्दोगन से बात की और हर संभव मदद देने का भरोसा दिया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की और सीरिया दोनों को मदद की पेशकश की है।
भारत ने सोमवार को घोषणा की कि विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें प्रभावित क्षेत्रों में गई हैं। आवश्यक दवाओं के साथ मेडिकल टीमें भी तैयार की जा रही हैं। तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के तालमेल से राहत सामग्री भेजी जाएगी।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने बचाव दल और आपातकालीन चिकित्सा सामग्री तुर्की भेजने का आदेश जारी किया। यूरोपीय संघ तुर्की में खोज और बचाव दल भेज रहा है, जबकि नीदरलैंड और रोमानिया के बचावकर्मी पहले से ही रवाना हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया ने 10 मिलियन डॉलर की सहायता राशि तुर्की को देने का वादा किया है। ब्रिटेन ने कहा है कि वह 76 विशेषज्ञ, उपकरण और खोजी कुत्ते भेजेगा। फ्रांस, जर्मनी और इजराइल ने भी मदद करने का वादा किया है।
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