तिब्बत. नेपाल (Nepal ) की सीमा से सटे तिब्बत (Tibet) के पहाड़ी क्षेत्र शिजांग (Shizang) में मंगलवार सुबह एक घंटे के अंदर आए 6 सिलसिलेवार भूकंप (Earthquake ) आए, जिसमें रिक्टर स्केल पर 7.1 तीव्रता (7.1 तीव्रता) का शक्तिशाली भूकंप भी शामिल था. न्यूज एजेंसी के मुताबिक भूकंप के कारण तिब्बत में जानमाल (life and property) का नुकसान हुआ है और कम से कम 9 लोगों की मौत हुई है. भूकंप ने तिब्बत के शिगात्से शहर में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है. कई इमारतों समेत इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है.
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि शिजांग स्वायत्त क्षेत्र (तिब्बत) के डिंगरी काउंटी में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप में 53 लोगों की मौत हुई है और 38 घायल हुए हैं. भारत (India), नेपाल, बांग्लादेश (Bangladesh) और भूटान (Bhutan) के कई इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. नेपाल की राजधानी काठमांडू में तेज झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों और खुले स्थानों की ओर भाग गए.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, 7.1 तीव्रता का पहला भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा के पास शिजांग में आया. इतनी तीव्रता का भूकंप काफी शक्तिशाली माना जाता है और गंभीर क्षति पहुंचाने में सक्षम है. चीनी अधिकारियों ने तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शिगात्से शहर में भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की. उसी शिजांग क्षेत्र से एक घंटे के अंदर भूकंप के 5 और झटके महसूस किए गए, जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.7 और 4.9 मापी गई. भूकंप का केंद्र वहां स्थित था जहां भारत और यूरेशिया की टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं.
इन्हीं टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से हिमालय का निर्माण हुआ है. इन प्लेटों की टक्कर से हिमालयन रेंज के पहाड़ों में इतना मजबूत उभार पैदा होता है कि दुनिया की कुछ सबसे ऊंची चोटियों की ऊंचाई बदल सकती है. सीसीटीवी के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में शिगात्से शहर के 200 किमी के दायरे में रिक्टर स्केल पर 3 या उससे अधिक तीव्रता वाले 29 भूकंप आ चुके हैं. हालांकि, ये सभी भूकंप मंगलवार सुबह आए भूकंप से कम शक्तिशाली थे. शिजांग में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर लोकेट किया गया और यह धरती की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था.
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