भोपाल। इस बार 25 मई से रोहणी नक्षत्र की शुरुआत होगी। हर बार की तरह इस बार भी धरती खूब तपेगी। वहीं 15 दिनों के लिए शुरू हो रही रोहणी में पडऩे वाली तीखी गर्मी के कारण अच्छी वर्षा के योग भी बनेंगे। ज्योतिष की नजर से देखें तो वृषभ राशि में सूर्य, बुध की युति रहेगी, साथ ही प्रीति योग के साथ बुधादित्य का योग बनने जा रहा है। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश हो रहा है। ग्रह गोचर की गणना से देखें तो वृषभ राशि में सूर्य बुध की युति रहेगी। 25 मई से आरंभ हो रहा नौतपा 2 जून तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि सामान्यत: नौतपा की परिभाषा सूर्य के रोहिणी नक्षत्र के प्रवेश से लेकर प्रथम 9 दिन तक के संचरण से मानी जाती है। इस दृष्टि से 25 मई को सूर्य का रोहिणी में प्रवेश होगा, जिसके नौतपा के 9 दिन 2 जून तक रहेंगे, हालांकि सूर्य का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश 8 जून को होगा।
नौतपा के दौरान बुध पूर्व में होंगे उदय
मेदिनी ज्योतिष शास्त्र की गणना से देखें तो जलवायु पर मौसम प्रभाव में बुध ग्रह का विशेष योगदान रहता है। हालांकि चंद्रमा भी अपनी साक्षी को दर्शाते हुए मौसम के परिवर्तन की ओर संकेत करता है। नौतपा के दौरान 9 दिन सूर्य का रोहिणी में परिभ्रमण रहता है, ऐसी मान्यता है कि इन्हीं 9 दिनों में वर्षा ऋतु का चक्र तैयार होता है। क्योंकि 9 में से तीन दिन के तीन भाग अलग-अलग प्रकार के देशों में अलग-अलग प्रकार के योग बनाते हैं, इन्हीं में कहीं-कहीं वर्षा होती है, कहीं उमस पड़ती है, तो कहीं तपिश। चूंकि बुध का वर्तमान में वृषभ राशि में गोचर है, इस दृष्टि से उत्तर दिशा विशेष रूप से प्रभावित होगी।
31 मई को पूर्व दिशा में होगा बुध का उदय
पूर्व दिशा में बुध का उदय होने से पूर्व दिशा में वर्षा की स्थिति दिखाई देगी। पहाड़ी क्षेत्रों पर वर्षा का प्रभाव नजर आएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved