भोपाल। 2 अगस्त को मकर तारामंडल (Capricorn constellation) में स्थित शनि ‘सेटर्न’ से पृथ्वी का सामना होने जा रहा है। इसमें सूर्य की परिक्रमा करता हुआ शनि, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक तर्फ रहते हुये सीधी रेखा में होगें। यह जानकारी नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (Broadcaster Sarika Gharu) ने देते हुए बताया कि यह खगोलीय घटना सेटर्न एट अपोजिशन कहलाती है।
सारिका ने बताया कि यह इस साल के लिये शनि की पृथ्वी से सबसे नजदीकी दूरी होगी। इससे यह अपेक्षाकृत अधिक चमकीला और कुछ बड़ा दिखेगा। अगर आप टेलिस्कोप से शनि को देखेगे तो इसके रिंग 18 डिग्री के झुकाव पर होंगे। यह 0.2 मैग्नीट्यूड की चमक के साथ आकाष में होगा।
उन्होंने बताया कि अगर बादल बाधा न बनें तो शाम लगभग 7 बजकर 51 मिनिट पर यह पूर्वी आकाष में उदित हुआ दिखकर होकर रात भर आकाष में रहकर सुबह सबेरे 5 बजकर 6 मिनिट पर अस्त होगा। मध्यरात 12 बजकर 29 मिनिट पर यह आकाष पर ठीक सिर के उपर होगा।
सारिका ने बताया कि शनि ‘सेटर्न’ सौर परिवार का छटवा ग्रह है और यह सूर्य मंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। अगर काल्पनिक रूप से सूर्य से पृथ्वी की दूरी 10 यूनिट है तो शनि 96 यूनिट दूर है। सूर्य का प्रकाष यहां तक पहुंचने में लगभग 83 मिनिट लगते हैं। इसके 82 चंद्रमा अब तक खोजे जा चुके हैं जिनमें से 53 की पुष्टि हो चुकी है।
सेटर्न अपोजीशन की आगामी घटनायें
सारिका ने जानकारी दी कि शनि , सूर्य की परिक्रमा लगभग 29 साल 6 महने में करता है। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 365 दिन में करती है। इससे पृथ्वी परिक्रमा करते हुये लगभग एक साल और 13 दिन बाद पुनः शनि की सीध में आ जाती है।
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