इंदौर। मौसम इस बार किसानों को कभी खुशी कभी गम जैसा माहौल दिया है। रबी सीजन में दिसंबर तक ठंड का माहौल कमजोर रहा तो जनवरी में लगातार कोहरा और धुन्ध फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। किसानों को चिंता है कि क्वालिटी तो खराब होगी ही उत्पादन पर भी इसका असर होगा।
रबी सीजन में किसान गेहूं, चना, आलू, लहसुन और मटर आदि फसलों को प्रमुखता से लगाते हैं। मालवा में दिसंबर के महीने में ठंड का असर जोरों पर रहता है, जो फसलों को भी लाभ पहुंचता है, लेकिन दिसंबर में अपेक्षा से कम ठंड का मौसम रहा, वहीं दिसंबर व जनवरी में मावठे की बारिश से फसलों को काफी हद तक मदद की थी। किसान को सिंचाई काम करना पड़ी, वहीं अब लगातार कोहरे और धुन्ध से गेहूं की बालियां खराब हो रही हैं। चना और मटर की फसलों में लगातार इल्लियो के प्रकोप के साथ फूलों पर भी विपरीत असर हो रहा है। आलू और लहसुन के पौधों में जकडऩ आ रही है। मौसम ऐसा ही रहता है और सूरज की किरणें पौधों को नहीं मिलेगी तो किसानों की चिंता और बढ़ सकती है।
यह बोले किसान
ठ्ठ बुड़ानिया के किसान राजेंद्र सिंह ने बताया कि गेहूं में बालियां आने का समय चल रहा है। दाना बनने की स्थिति में है। ऐसे में सूरज की रोशनी सीमित मात्रा में जरूरी होती है। कोहरे और धुन्ध के कारण गेहूं की बालियां लाल हो रही हैं, जिससे उत्पादन पर असर होना निश्चित है। तामलपुर के किसान मलखान सिंह ने बताया कि मटर की फसल में बार-बार बादल होने से इल्लियों का प्रकोप इस बार ज्यादा रहा है। दवाई का स्प्रे ज्यादा करना पड़ी, जिसके कारण आर्थिक बोझ किसानों पर पड़ा है, वहीं मटर का उत्पादन भी इस बार सीमित ही रहा है।
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