उज्जैन। रियल इस्टेट कारोबार में तेजी बरकरार है और इंदौर के साथ-साथ महाकाल लोक के चलते उज्जैन में भी बड़ी संख्या में रजिस्ट्रियां हो रही हैं। पंजीयन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि उज्जैन जिले में अभी इस वित्त वर्ष के 6 माह और 10 दिन में लगभग 37 हजार 718 रजिस्ट्रियाँ हो चुकी हैं, जिनके बलबूते 200 करोड़ रुपए विभाग ने कमा भी लिए। इस बार श्राद्ध पक्ष में भी रजिस्ट्रियों की संख्या में कमी नहीं आईं, वहीं अभी नवरात्रि से और भी इजाफा होगा। रजिस्ट्रियों के लिए आने वाली भीड़ की व्यवस्था में भी विभाग जुटा है और आवश्यकता पडऩे पर स्लॉटों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। इंदौर-उज्जैन संभाग के अधीन 15 जिले आते हैं।
पंजीयन कार्यालय के मुताबिक 1 अप्रैल से 30 सितम्बर तक ही उज्जैन जिले में कुल 37718 रजिस्ट्री हुई है। इनसे कुल 200 करोड़ 34 लाख रुपए की आय हुई है। इसके अलावा अकेले सितम्बर माह में 4780 रजिस्ट्रियाँ से 29 करोड़ 12 लाख की आय हुई है। इस वित्त वर्ष में हर महीने ही रजिस्ट्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और अभी श्राद्ध पक्ष चल रहा है, बावजूद इसके रजिस्ट्रियों की संख्या में कमी नहीं आई है और अच्छी संख्या में इस दौरान भी रजिस्ट्रियां होती रही है। नवरात्रि से भीड़ में इजाफा होगा और उसके मुताबिक सभी उप पंजीयक कार्यालयों में व्यवस्थाएं की जा रही है। जरूरत पड़ी तो स्लॉटों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी। इंदौर रोड, कानीपुरा, एम आर 5, नागदा बायपास रोड क्षेत्र की रजिस्ट्री अधिक हो रही है। दरअसल उज्जैन में जबसे महाकाल लोक बना है, तब से ही इंदौर-उज्जैन का यातायात तो बढ़ा ही, वहीं उस पूरे रोड पर जमीनों की कीमतों में तेजी से उछाल आया और बड़ी संख्या में कॉलोनियां विकसित होने लगी हैं। मुख्यमंत्री ने पीथमपुर के साथ-साथ इंदौर से उज्जैन के बीच भी मेट्रो चलाने की घोषणा कर दी।
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