इंदौर (Indore)। रियल इस्टेट कारोबार में अभी भी तेजी कायम है और जमीनों के बड़े सौदे भी हो रहे हैं। इसका सबूत यह है कि बीते चार माह में ही पंजीयन विभाग ने 56290 रजिस्ट्रियों से 734 करोड़ का राजस्व कमा लिया है और लगभग 16 प्रतिशत का इजाफा हुआ। महाकाल लोक बनने से उज्जैन में भी सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त बढ़ी और 22 प्रतिशत रजिस्ट्रियों में इजाफा हुआ है। गत वर्ष से इंदौर जिले ने 100 करोड़ अधिक स्टाम्प ड्यूटी से अब तक कमा लिए।
उपमहानिरीक्षक पंजीयन बालकृष्ण मोरे के मुताबिक रजिस्ट्रियों की संख्या में इस वित्त वर्ष में भी कोई कमी नहीं आई है। उनके अधीन आने वाले इंदौर-उज्जैन संभाग के 15 जिलों में 1312.70 करोड़ की आय हुई है, जिसमें सर्वाधिक बड़ा आंकड़ा इंदौर का ही रहा है। गत वर्ष की तुलना में 16 फीसदी बढ़ोतरी इंदौर जिले में हुई, तो सर्वाधिक 48 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी शाजापुर और 38 फीसदी से अधिक खरगोन, वहीं महाकाल लोक के चलते उज्जैन में भी 22 फीसदी से अधिक रजिस्ट्रियां इस साल हुई हैं।
वहीं इंदौर के वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा का कहना है कि अभी 7 अगस्त तक जिले में 56290 रजिस्ट्रियों से 734 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं, जो कि गत वर्ष की तुलना में 100 करोड़ ज्यादा हैं। दूसरी तरफ अप्रैल के बाद मंजूर हुई नई कॉलोनियों की गाइडलाइन भी निर्धारित की जा रही है और 15 अगस्त तक इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसी लगभग नई 100 कॉलोनियों के अलावा उन इलाकों की भी गाइडलाइन बढ़ाई जाएगी जहां पर बीते महीनों में 4 से 5 गुना अधिक दर पर रजिस्ट्रियां हुई हैं। क्रेडाई सहित रियल इस्टेट से जुड़े ब्रोकरों ने भी इन क्षेत्रों में गाइडलाइन बढ़ाने की मांग की है।
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