इन्दौर (Indore)। कोरोना के बाद इस बार हज यात्रा (Haj journey) शुरू की जा रही है। कई राज्यों में चुनाव और अगले साल होने वाले आम चुनावों (general elections) को देखते हुए सरकार ने इस बार कई राहत हज यात्रियों को दी है। पहले हज यात्रियों को 8 हजार रुपए सूटकेस के जमा करवाना पड़ते थे, लेकिन अब वे खुद सूटकेस खरीद सकेंगे। हालांकि इसके लिए हज कमेटी द्वारा तय किए गए पैमाने को मानना पड़ेगा।
हज पॉलिसी लागू करने के बाद सबसे पहली राहत सरकार ने इंदौर और भोपाल जैसे शहर को एम्बारकेशन पाइंट बनाने को लेकर दी है। यानि यहां से हज की उड़ान रवाना होगी। करीब 8 साल पहले तक यहां से जेद्दा के लिए सीधी उड़ान थी और यात्री वापसी मदीना से करते थे, लेकिन बाद में इसे बंद कर मुंबई स्थित एम्बारकेशन पाइंट से कर दिया गया। कोरोना के कारण तीन साल हज यात्रा पर ब्रेक रहा और अब यह यात्रा पूरी यात्री क्षमता के साथ शुरू हो रही है। इसके साथ ही इस बार आवेदन फार्म का किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है। एक आवेदन के 400 रुपए लगते थे, जिसके रूप में भी हज कमेटी को अच्छी कमाई हो जाती थी।
सरकार ने सरकारी कोटा पहले से ही खत्म कर दिया है, जिसको लेकर अब सभी यात्रा जनरल कोटे में जाएंगे। यानि दूसरे यात्रियों को भी मौका मिल सकेगा। इसके साथ ही इस बार तीन कैटेगरी प्राथमिकता में रखी गई है, जिसमें 70 साल से अधिक के हज यात्री के साथ एक आवेदक, बिना मेहरत के सफर करने वाली महिलाएं तथा सामान्य श्रेणी, वहीं बताया जा रहा है कि स्थानीय हज कमेटी यात्रियों के सामान के लिए खुद 2 सूटकेस खरीदती थी, जिसके लिए 8 हजार रुपए लिए जाते थे। इसके साथ ही दूसरा सामान भी खरीदकर दिया जाता था। उसमें राहत देते हुए हज यात्री अब खुद ये सामान खरीद सकेंगे, जो उन्हें सस्ता पड़ेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved