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ई-वे बिल की सीमा दो लाख तक बढऩे के आसार

April 06, 2022

  • वाणिज्यिककर मंत्री जगदीश देवड़ा ने दी सैद्धांतिक सहमति

भोपाल। जीएसटी की कागजी खानापूर्ति से परेशान प्रदेश के व्यवसायियों को सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है। माल परिवहन पर लागू होने वाले ई-वे बिल की सीमा में एक बार और बदलाव किया जाएगा। ई-वे बिल के लिए अनिवार्य इनवायस मूल्य सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपए किया जाने पर विचार शुरू हो गया है। अभी 50 हजार रुपए या अधिक मूल्य की 41 श्रेणियों की वस्तुओं के परिवहन पर ई-वे बिल अनिवार्य है। 15 अप्रैल से एक लाख मूल्य की सभी तरह की वस्तुओं पर ई-वे बिल लागू होना था। हालांकि नई सीमा और प्रविधान के लागू होने से पहले ही सरकार ने उसमें संशोधन कर राहत का दायरा बढ़ाने पर विचार शुरू कर दिया है।


अब तक 41 वस्तुएं और 50 हजार रुपए मूल्य पर ई-वे बिल लागू है। 23 मार्च को वाणिज्यिक कर विभाग ने अधिसूचना जारी की थी कि जीएसटी में सभी करयोग्य वस्तुएं जिनके इनवायस यानी बिल एक लाख या इससे ज्यादा का होगा उनके माल परिवहन पर वे ई-वे बिल अनिवार्य होगा। मूल्य सीमा बढ़ाकर एक लाख करने के साथ ही सरकार ने दवाओं और सिगरेट व तंबाकू के उत्पाद और पान मसाला को विशेष श्रेणी में रखा है। दवाओं व सर्जिकल उपकरण के परिवहन पर ई-वे बिल की अनिवार्यता हटाई जा रही है। भले ही उनका मूल्य एक लाख रुपये से ज्यादा हो, जबकि पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर 50 हजार रुपए मूल्य पर पहले की तरह 50 हजार मूल्य के इनवायस पर ही ई-वे बिल लागू होगा। जीएसटी में हुए ये बदलाव 15 अप्रैल से लागू होने थे। इसके पहले ही इनवायस सीमा में फिर से बदलाव पर विचार शुरू हो गया है।

व्यापारियों ने सरकार से की थी मांग
एक अप्रैल से देशभर में जीएसटी के तहत ई-इनवायस का नियम भी लागू हो गया है। ऐसे में 20 करोड़ या ज्यादा का टर्नओवर वाले सभी व्यापारियों को जीएसटी के पोर्टल से लिंक कर अब ई-इनवायस यानी इलैक्ट्रानिक प्रारुप में आनलाइन बिल जारी करना पड़ रहा है। ऐसे में व्यापारियों व कर पेशेवरों ने विभाग और सरकार का ध्यान खींचा था कि जब बिल ही आनलाइन जारी हो रहा है तो छोटे व्यापारियों से ई-वे बिल की दोहरी मशक्कत नहीं करवाई जाना चाहिए। व्यवसायियों ने बीते दिनों प्रदेश के वित्त व वाणिज्यिककर मंत्री जगदीश देवड़ा से मिलकर मांग रखी थी कि ई-वे बिल की इनवायस सीमा दो लाख रुपए होना चाहिए। इससे व्यापार सुगम होगा।

राजस्व वृद्धि से खुली राह
31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष में वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा कुल संग्रहित राजस्व का आंकड़ा 49 हजार 40 करोड़ तक पहुंच चुका है।बीते वित्त वर्ष के मुकाबले वाणिज्यिककर विभाग के खजाने में लगभग 700 करोड़ रुपये ज्यादा जमा हुए हैं। राजस्व का यह आंकड़ा भी सरकार और विभाग को प्रोत्साहित कर रहा है कि कारोबारियों को सुगम व्यापार के लिए राहत दी जाए। राजस्व संग्रहण की समीक्षा पर सोमवार को भोपाल में वित्त व वाणिज्यिककर मंंत्री के साथ विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार ई-वे बिल इनवायस सीमा बढ़ात्तरी के लिए मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति से दी है। अधिकारियों से इस बारे में उनकी राय और असर को लेकर चर्चा भी की गई।

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