भोपाल । मप्र में ई-टेंडर घोटाला मामले में पूर्व मुख्य सचिव गोपाल रेड्डी की भी गिरफ्तारी हो सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में उनके घर जाकर पूछताछ की थी और 20 जनवरी को रेड्डी सहित 3 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था। उस समय गोपाल रेड्डी कोरोना संक्रमित होने के कारण ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे, जबकि मेंटाना समूह के चेयरमैन श्रीनिवास राजू और भोपाल के ठेकेदार आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। चर्चा है कि गोपाल रेड्डी भी यदि ईडी कार्यालय पहुंचते तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता था।
सूत्रों के अनुसार राजू मेंटाना के घर से ईडी को कुछ ऐसे सबूत हाथ लगे हैं, जिससे गोपाल रेड्डी की भूमिका संदिग्ध हो गई है। ईडी ने राजू और आदित्य की गिरफ्तारी के बाद जारी प्रेसनोट में साफ कहा है कि घोटाले में ऑफिशियल मशीनरी को मैनेज करने का काम आदित्य त्रिपाठी करता था। आदित्य त्रिपाठी को मेंटाना ग्रुप से जल संसाधन विभाग के लगभग 93 करोड़ के उपठेके मिले थे। कमलनाथ सरकार में मेंटाना के खिलाफ पहले तो एफआईआर हुई, लेकिन बाद में आरोप है कि आदित्य त्रिपाठी और गोपाल रेड्डी के जरिए कालेधन का उपयोग कर जांच को प्रभावित किया गया।
यह है आरोप
मप्र के लगभग 3 हजार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले में राजू मेंटाना, आदित्य त्रिपाठी और प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी पर आरोप है कि इन्होंने इस घोटाले में काले धन का उपयोग किया। साथ ही अपात्र कंपनियों को लाभ पहुंचाया।
घर में ही भर्ती हैं रेड्डी
रेड्डी कोरोना संक्रमित होने के बाद हैदराबाद में अपने निवास में ही उपचार करा रहे हैं। अटकलें हैं कि ठीक होने के बाद ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।
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