इंदौर। शहर में संचालित होने वाले ई-रिक्शा 21 से 23 फरवरी तक हड़ताल पर रहेंगे। ई-रिक्शा चालक प्रशासन द्वारा 23 रूट तय किए जाने का विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में ई-रिक्शा चालकों ने कल एक बैठक करते हुए यह निर्णय लिया। बैठक में शामिल ई-रिक्शा चालक सिद्धार्थ पंवार, नमन कौल और मनोज दरेकर का कहना है कि शासन द्वारा ई-रिक्शा को परमिट से छूट दी गई है। इसका मतलब है कि वे किसी रूट पर चलने के लिए बाध्य नहीं हैं। साथ ही केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना चाहती है।
ऐसे में कैसे जिला प्रशासन इंदौर में ई-रिक्शा का रूट तय करते हुए उन्हें तय मार्गों पर चलने के लिए बाध्य कर सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि रूट तय करने से पहले ई-रिक्शा चालकों से उनकी राय तक नहीं ली गई। जो रूट तय किए गए हैं उन पर कहीं भी ई-रिक्शा के लिए स्टैंड भी नहीं है। एक रूट पर 300 से 400 ऑटो चलाने की योजना है, ऐसे में सवारी के लिए संघर्ष की स्थिति बनेगी। उन्होंने मांग की कि पहले रिक्शा चालकों को विश्वास में लेकर निर्णय लें, उनकी सहमति से रूट और व्यवस्थाएं तय करें। नए रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाएं। प्रशासन की मनमानी के खिलाफ ई-रिक्शा चालक 21 से 23 फरवरी तक हड़ताल पर रहेंगे।
राजबाड़ा पर सिटी बसें जा सकती हैं तो ई-रिक्शा क्यों नहीं
बैठक में यह बात भी कही गई कि प्रशासन राजबाड़ा पर ट्रैफिक सुचारु करने के नाम पर ई-रिक्शा का प्रवेश रोकने की तैयारी कर रहा है, जबकि वहां दिनभर बड़ी सिटी बसें आती-जाती और खड़ी रहती हैं। छोटे ई-रिक्शा से ट्रैफिक खराब हो सकता है या बड़ी सिटी बसों से? अगर ट्रैफिक सुधार की बात करना है तो सिटी बसों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। प्रशासन सभी से एक समान व्यवहार करे, न कि सिटी बसों को फायदा पहुंचाने के लिए गरीब ई-रिक्शा चालकों पर दबाव बनाए।
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