नई दिल्ली (New Delhi)। भविष्य में न्यायपालिका (Judiciary) का भी काम डिजिटलाइजेशन (digitalization) में किया जा सकता है। यह बात भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने शनिवार को ‘स्मार्ट कोर्ट एंड फ्यूचर ऑफ ज्यूडिशियरी’ विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मुख्य रूप से न्यायपालिका में तकनीक के इस्तेमाल और ई-कोर्ट के भविष्य पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ई-कोर्ट भविष्य की न्यायपालिका है, जहां डिजिटलाइजेशन, ई-फाइलिंग, वर्चुअल कोर्ट और ई-पेमेंट से कागज रहित अदालती कार्यवाही होगी। साथ ही, कोर्ट की सुनवाई के लिए विभिन्न स्थानों पर लोगों को ऑडियो-वीडियो स्ट्रीमिंग की सुविधा भी दी जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इसके अलावा, अब एक वैश्विक सहमति है कि न्याय केवल एक ‘संप्रभु कार्य’ नहीं है, बल्कि एक ‘आवश्यक सेवा’ है। इसलिए स्मार्ट कोर्ट के हमारे डिजाइन को इस बदलाव को अपनाना चाहिए और तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि ई-न्यायालय परियोजनाओं के दो चरण समाप्त हो गए हैं और तीसरे चरण में एक मजबूत राष्ट्रव्यापी निगरानी तंत्र विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें पेपरलेस अदालतों का टारगेट रखा गया है, साथ ही पारदर्शिता, पहुंच और जवाबदेही को बेहतर करने के लिए (सुनवाई की) लाइव स्ट्रीमिंग पर फोकस किया जाएगा।
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