इंदौर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वालों को कोर्ट के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सब कुछ योजना के तहत हुआ तो जल्द ही ई-पंचायतों में ई-सेवा केंद्र की सुविधाएं भी शुरू होंगी। इस केंद्र पर याचिकाकर्ता को ई-कोर्ट के तहत मिलने वाली डिजिटल सुविधाओं में सहूलियत मिलेगी। इस व्यवस्था के संचालन के लिए पंचायत स्तर पर सचिव व ग्राम रोजगार सहायकों को विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
प्रारंभिक चरण में उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय परिसर में प्रायोगिक आधार पर ई-सेवा केंद्र बनाए गए हैं। प्रयोग सफल होने के बाद इस केंद्र के तहत पंचायत स्तर पर ही याचिकाकर्ता को सुविधाएं मिल सकें। जल्द ही सेवाएं भी शुरू की जाएंगी। इस योजना के तहत प्रदेशभर में चयनित पंचायतों में भी चरणवार ई-कोर्ट व्यवस्था शुरू होगी।
याचिकाकर्ता को मिलेंगी ये सुविधाएं
ई-सेवा केंद्रों पर याचिकाकर्ता को वाद की स्थिति, सुनवाई की अगली तारीख समेत अन्य विवरण की पूछताछ, प्रमाणित प्रतियों के लिए ऑनलाइन आवेदन को सुगम बनाना, याचिकाओं की ई-फाइलिंग बनाने के लिए याचिकाकर्ता को हार्ड कॉपी की स्कैनिंग से लेकर ई-सिग्नेचर जोडऩा, सीआईएस में उनको अपलोड करना, दायरा संख्या उत्पन्न करना। ई-भुगतान, ई-स्टांप पेपर की ऑनलाइन खरीद में सहायता करना। आधार आधारित डिजिटल हस्ताक्षर, सहायता प्राप्त करना।
प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी
ई-सेवा केंद्र का संचालन पंचायत भवन में होगा। इसके लिए सचिव व जीआरएस को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से गत माह 5 व 7 दिसंबर को कोर्ट परिसर में ग्राम रोजगार सहायकों व जिन ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक नहीं हैं, ऐसी ग्राम पंचायतों में सचिवों को प्रशिक्षण दिया गया।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved