उज्जैन। उज्जैन में अब तक 2700 से अधिक यात्री और स्कूल बसों के ई-चालान बन चुके हैं लेकिन एक भी जुर्माना भरने को तैयार नहीं हैं। अब यातायात पुलिस ऐसे बस चालकों को ठीक करने के लिए बस मालिकों के घर ई चालान भरने के नोटिस भेज रही है।
उल्लेखनीय यह है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए स्मार्ट सिटी ने करीब चार साल पहले शहर के प्रमुख चौराहों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) की शुरुआत की थी, लेकिन इस अत्याधुनिक व्यवस्था को बार-बार ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले वाहन चालकों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। हालात यह है कि उज्जैन में अब तक दो और चार पहिया वाहन ही नहीं 2700 से अधिक यात्री बसों के भी ई-चालान बन चुके हैं लेकिन एक भी जुर्माना भरने को तैयार नहीं हैं। इसमें उज्जैन, इन्दौर और देवास जाने वाली यात्री बसें शामिल हैं। बता दें कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत तीन से अधिक बार ट्रैफिक नियम तोडऩे पर लाइसेंस निलंबित करने का प्रावधान है।
17 स्कूलों को भेजे गये ई-चालान के नोटिस
रविवार को शहर के 17 स्कूलों को बसों के ई-चालान भरने के नोटिस भेजे गए हैं। इसमें स्कूल संचालकों को अपनी-अपनी स्कूल बस के ई-चालान भुगतान करवाने के लिए कहा गया है। अन्यथा उन स्कूल बसों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। यातायात पुलिस के मुताबिक जल्द ही उन यात्री बस संचालकों को भी नोटिस दिए जाएँगे जो कई बार रेड लाइट जंप करते कैमरे में कैद हुए। इसमें उज्जैन के नामी स्कूल शामिल हैं।
आंकड़े एक नजर में
यात्री बस ई चालान की संख्या
उज्जैन 1400
इंदौर 1200
देवास 50
स्कूल बस ई चालान की संख्या
17 50
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