नई दिल्ली । देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) दो साल तक इस पद पर रहेंगे। इस कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कम से कम 19 नए जजों की नियुक्ति की जाएगी, जो उनके पिता वाई वी चंद्रचूड़ के सीजेआई के रूप में सात साल और पांच महीने के रिकॉर्ड कार्यकाल के दौरान शीर्ष अदालत में नियुक्त किए गए जजों की संख्या से पांच ज्यादा है।
सीजेआई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाला कॉलेजियम का तत्काल कार्य सुप्रीम कोर्ट में सात जजों की रिक्तियों को भरना है, जिसकी स्वीकृत संख्या CJI सहित 34 है। जस्टिस एस अब्दुल नजीर अगले साल 4 जनवरी, 2023 को रिटायर हो रहे हैं, जबकि अगले साल मई और जून में पांच और जज रिटायर होने जा रहे हैं। इनमें जस्टिस डी माहेश्वरी, जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस के एम जोसेफ, जस्टिस ए रस्तोगी और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन शामिल हैं।
इनके अलावा जस्टिस कृष्ण मुरारी अगले साल जुलाई में सेवानिवृत्त होंगे जबकि जस्टिस एस आर भट अक्टूबर में सेवानिवृत होंगे। फिर, जस्टिस एस के कौल दिसंबर 2023 में सेवानिवृत्त होंगे। साल 2024 में जस्टिस ए बोस अप्रैल में और जस्टिस ए एस बोपन्ना और हिमा कोहली क्रमशः मई और सितंबर में सेवानिवृत्त होंगे।
CJI चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 तक है। इसका मतलब है कि CJI सहित 34 जजों की स्वीकृत संख्या में से 19 यानी 56% जजों को नियुक्त करने की सिफारिश CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम द्वारा की जाएगी। TOI के मुताबिक अगर पिछली कॉलेजियम की 26 सितंबर की सिफारिश के मुताबिक बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया जाता है तो उन्हें सीजेआई चंद्रचूड़ द्वारा ही शपथ दिलाई जाएगी।
उनके पिता वाई वी चंद्रचूड़ के CJI के कार्यकाल (22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक) में सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति केंद्र सरकार ने CJI की सलाह पर किए थे। कॉलेजियम प्रणाली की नींव 1993 में रखी गई थी और 1998 में सुप्रीम कोर्ट की दो संविधान पीठ के निर्णयों के माध्यम से इसे संस्थागत बनाया गया था, जिसने कार्यपालिका से न्यायाधीशों के चयन की शक्ति को छीन लिया।
1977 से 1985 के बीच सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 18 थी। इनमें से 14 की नियुक्ति तत्कालीन CJI वाई वी चंद्रचूड़ ने की थी, जो SC न्यायाधीशों की कुल संख्या का 78% था। प्रतिशत के मामले में सीनियर चंद्रचूड़ आगे हैं।
सीजेआई के रूप में सीनियर चंद्रचूड़ के कार्यकाल के दौरान नियुक्त 14 में से तीन जज CJI बने। जस्टिस ई एस वेंकटरमैया (जस्टिस बी वी नागरत्ना के पिता जो सितंबर 2027 में 37 दिनों के लिए पहली महिला सीजेआई बनेंगी), सब्यसाची मुखर्जी और रंगनाथ मिश्रा ( जो 1990 में CJI मुखर्जी की असामयिक मृत्यु के कारण) CJI बने हैं।
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