भोपाल। सरकार (Government) ने अधिकृत तौर पर शिक्षकों की कोरोना नियंत्रण (Corona control) में ड्यूटी (Duty) नहीं लगाई है। जबकि अफसरों द्वारा मौखिक आदेश पर शिक्षकों की कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बीच अलग-अलग जगह ड्यूटी (Duty) लगाई जा रही है। जिससे बड़ी संख्या में शिक्षक कोरोना (Corona) की चपेट में आ रहे हैं। शिक्षकों की ड्यूटी (Duty) का कोई अधिकृत आदेश नहीं है, ऐसे में न तो उन्हें को उपचार की सुविधा मिल रही है और न ही किसी तरह के अवकाश की सुविधा है। इस संबंध में समग्र शिक्षक संघ ने राज्य शासन को पत्र लिखा है।
समग्र शिक्षक संघ का कहना है कि कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बचाव अभियान में शिक्षकों को बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशनों, (Railway stations) चिकित्सालय, नगर निगम /नगर पालिका (Municipal Corporation / Municipality), टोल नाकों, संक्रमित नागरिकों के सर्वे, टीकाकरण, कोविड सेंटरों सहित अनेक कोविड बचाव से संबधित अभियानों में तैनात किया गया है। जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षक संक्रमित भी हो रहे हैं, लेकिन कोरोना ड्यूटी पर कार्य करते हुये कोविङ-19 से संक्रमित होने की स्थिति में राज्य शासन ने संबंधित शिक्षक- कर्मचारियों को उपचार हेतु विशेष अवकाश का कोई प्रावधान नहीं किया है। समग्र शिक्षक संघ ने राज्य शासन को पत्र लिखकर कोविड-19 की ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो रहे शिक्षको को उस चिकित्सकीय अवधि में उपचार हेतु 30 से 45 दिन दिवस की अवधि का विशेष अवकाश दिए जाने का प्रावधान किए जाने की मांग की है!
अप्रिय स्थिति में भी नहीं मिलती मदद
समग्र शिक्षक संघ ने कहा है कि शिक्षकों की अलग-अलग स्तर पर कोरोना बचाव अभियान में सेवाएं तो ली जा रही है, लेकिन नियमानुसार सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश प्रसारित नहीं किए जा रहे हैं, कई स्थानों पर तो शिक्षकों को मौखिक रूप से कोविड-19 से संबंधित बचाव कार्यों में लगाया जा रहा है जिस पर पूरी तरह रोक लगाई जाए तथा मौखिक रूप से कोरोना ड्यूटी लगाने वाले अधिकारियों पर शासन कार्रवाई करें। संगठन ने यह भी तर्क दिया है कि कई मामलों में नियमानुसार ड्यूटी आर्डर जारी न किए जाने के कारण ड्यूटी के दौरान अप्रिय स्थिति निर्मित होने की स्थिति में शिक्षकों को शासन स्तर से निर्धारित सहायता मिलने में समस्या आ रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved