नई दिल्ली। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा (ussehra) 5 अक्टूबर 2022 (Vijayadashmi 2022 date) को है. अश्विन माह (ashwin month) के शुक्ल पक्ष की दशमी को विजयादशमी धूमधाम से मनाई जाती है. इस दिन मर्यादा पुरुषोतम भगवान राम (lord ram) ने लंकापति रावण (Lankapati Ravana) का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था. दशहरे पर हर साल रावण, मेघनाद और कुंभकरण (Meghnad and Kumbhakaran) के पुतलों का दहन किया जाता है. साथ ही मां दुर्गा की प्रतिमा (Durga idol) का विसर्जन होता है.
विजय मुहूर्त – 5 अक्टूबर 2022, दोपहर 02 बजकर 13 मिनट – 02 बजकर 54 मिनट
अवधि – 47 मिनट
अपराह्न पूजा का समय – 5 अक्टूबर 2022, दोपहर 01 बजकर 26 मिनट – 03 बजकर 48 मिनट
अवधि – 2 घंटे 22 मिनट
श्रवण नक्षत्र प्रारम्भ – 04 अक्टूबर 2022, रात 10 बजकर 51 मिनट से
श्रवण नक्षत्र समाप्त – 05 अक्टूबर 2022, रात 09 बजकर 15 मिनट तक
विजयादशमी महत्व
दशहरा को अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है, इसलिए इसे विजयदशमी कहत है. विजयदशमी अहंकारी रावण के पतन को दर्शाता है. रावण का वध करने के बाद से ही यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत की खुशी में मनाया जाता है. भगवान राम ने रावण के साथ ही इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर पर विजय प्राप्त कर उसके अत्याचारों से देवताओं को मुक्त कराया था. विजयादशमी का पर्व काम, क्रोध, मोह, लोभ, मद, अहंकार, हिंसा जैसी बुरी आदतों से दूर रहने की प्रेरणा देता है.
विजयादशमी पूजा विधि
दशहरा के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद प्रभु श्री राम, माता सीता और हनुमान जी की उपासना करें.
विजयादशमी पर दिन गाय के गोबर से 10 गोले बनाकर उसमें ऊपर से जौ के बीज लगाए जाते हैं.
ये गोले अंहकार, लालच, क्रोध आदि का प्रतीक माने जाते हैं. भगवान राम की पूजा कर इन गोलों को जला दिया जाता है. मान्यता है कि इस तरह पूजा कर जातक को अपने मन से इन बुराईयों का दहन कर जीत विजय प्राप्त होती.
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